नवे वर्ष आयोजित श्री शिव महापुराण कथा एवं रुद्राभिषेक
शाहजहांपुर। (आरएनआई) आदर्श दिव्यांग कल्याण संस्थान द्वारा नवे वर्ष आयोजित श्री शिव महापुराण कथा एवं रुद्राभिषेक में आज बनारस के आचार्य विवेकानंद शास्त्री जी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन संजय पांडे एवं उनकी धर्मपत्नी निधि पांडे से पूजा कराकर कथा का शुभारंभ कराया कथा प्रागण में व्यास पीठ पर उपस्थित संत शिरोमणि श्री गौरदास जी महाराज के श्री मुख से भक्तों ने कथा का श्रवण किया। महाराज जी ने कथा में प्रसंग सुनाते हुए भगवान शिव के अवतारों की मार्मिक व्याख्या की प्रस्तुति अवतरण की। परम पूज्य स्वामी जी ने नवें दिवस की शिव महापुराण कथा में कहा त्रंयम्बकेश्वर शिव की उत्पत्ति एवं उज्जैन के महाकालेश्वर प्राकटय का वर्णन किया। काशी के शिव भक्त शिवदत्त के द्वारा नारद के शिष्य को दो पुत्रों का वरदान प्राप्त करने की कथा सुनाई एवं कलिकाल में भारत वर्ष में चलाए जा रहे मनोधर्म पर प्रहार करते हुए कहा कि हर सौ किलोमीटर पर ऐसे लोग पैदा हो गए है। जो वेद के मार्ग को छोडकर सब अपने-अपने मार्गो का निर्माण करने में लगे हुए है।
महाराज जी ने गौतम श्रषि एवं आगे कथा कहते हुए कहा कि जैसे गौतम श्रषि ने शिव गैत्री सिद्ध करके संसार को गौतमी नदी प्रदान करी। उनके यश और कीर्ति को देख करके कुछ मायाबी मुनियों ने उनके यज्ञ कुंड पे षडयंत्र करके एक दुर्बल गाय बाॅध दी। वे जब ऊॅ हूॅ स्वः मंत्र का जाप कर रहे थे, तभी वो गाय मर गयी। षडयंत्रकारी मुनियों ने कहा कि गौतम श्रषि ने ही इस गाय को मार दिया है। सभी लोग गौतम श्रषि को धिक्कारने लगे, मुनियों ने कहा जाओ एक करोड पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण करा रूद्राभिषेक करने के बाद यदि शिव भगवान तुम्हें दर्शन दे ंतो समझना कि तुम गौ हत्या के अपराध से मुक्त हो गये हो। गौतम श्रषि ने उन षड्यंत्रकारी मुनियो का आदेश माना और उन्होने आसन त्यागकर काशी की ओर प्रस्तान किया। षड्यंत्रकारी मुनियो ने गौतम श्रषि के आसन आश्रम गौशाला आदि पर अपना आधिपत्य कर लिया।
भगवान शिव ने गौतम श्रषि को दर्शन देकर कहा कि है गौतम मै तुम्हारी पवित्रता व निष्ठा से अत्यधिक प्रसन्न हूॅ। जिन मुनियों ने तुम्हारे साथ षडयंत्र करके तुम्हारी सम्पत्ति व तुम्हारे यश का हनन किया है।, वे सब वंश सहित महाभारत युद्ध के वाद प्रारम्भ होने वाले कलिकाल में तीनो संध्याओं से वंचित ब्राहम्ण कुल में जन्म लेगें स्वधर्म की निंदा करने वाले वेदो की निंदा करने वाले होगें। ये अल्पज्ञानी एवं सम्मान से रहित रहेंगें। ऐसी दिव्य शिव महापुराण कथा सुनकर हजारों शिव भक्त भाव भिवोर हो गये।
महाराज जी ने शिव भक्तो को शिव रहस्य के बारे में बताया कि। स्वयं जल हैं भगवान शिव श्रावण मास का क्या धार्मिक महत्व है? यह भगवान शिव को क्यों प्रिय है।
श्रावण का महीना शिव जी को ही समर्पित है। शिव शब्द का अर्थ है पाप नष्ट करने वाला-श्यति पापम। शिव का रूद्र नाम भी बहुत प्रचलित है। इसके अलावा शिवजी को भव, शर्व, पशुपति, उग्र, महादेव और ईशान भी कहा जाता है। अथर्ववेद में नीलमस्योदंर लोहितम् पृष्टम भी कहा गया है। शिवपुराण में शिव के पॅाच कार्य-सृष्टि, स्थिति,नाश, तिरोभाव और मोक्ष है। पंचमुख इसी कारण कहा जाता है। श्रावण मास का प्रत्येक सोमवार अति महत्वपूर्ण है। श्रावण मास के सोमवारों में भगवान शिव के व्रत, पूजा और आरती का विशेष महत्व है। शिव पंचाक्षर मंत्र का भी जाप करना चाहिए। असल में सोमवार चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा मन के स्वामी है। शिव के मस्तक पर विराजमान है। चंद्रमा मनसो जातः अर्थात चंद्रमा मन का मालिक है। शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा को नियंत्रित कर भक्त अपने मन को अविद्या रूपी माया के मोहपाश से मुक्त करने में सफल होता है।आई जन्म मरण से मुक्त हो जाता है। इसलिए मृत्यु के सभी प्राणियों को भगवान शिव की आराधना एवं रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए। आज कथा का विश्राम दिवस है कल सोमवार को भगवान शिव का रुद्राभिषेक दोपहर 12:00 बजे से किया जाएगा एवं मंगलवार को 12:00 बजे से भोलेनाथ का भंडारा प्रसाद वितरण होगा इस महा आयोजन को सफल बनाने में मुख्य रूप से जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन नगर निगम मीडिया के समस्त सम्मानित पत्रकार भाइयों बहनों एवं कथा में उपस्थित समस्त श्रद्धालु भक्त गण का समिति के अध्यक्ष दीपक शर्मा मुख्य आयोजक हरि शरण बाजपेई प्रदेश सचिव नीरज बाजपेई ने बहुत-बहुत आभार प्रकट किया हृदय से धन्यवाद देते हुए भगवान शिव से प्रार्थना की हमारे सभी भक्तजनों पर भगवान शिव की कृपा सदैव सदैव बनी रहे।आज की महा आरती में हरि शरण बाजपेई सीमा बाजपेई विश्व मोहन बाजपेई सीमा बाजपेई दीपक शर्मा मीना शर्मा महेश चंद सक्सेना एडवोकेट सतीश वर्माअमित पांडे नेहा बाजपेई नीरज बाजपेई शेफाली बाजपेई चाहत मिश्रा रिचा बाजपेई अभिषेक बाजपेई आस्था बाजपेई नैमिष बाजपेई मिश्रित वाजपेई रिद्धिमा बाजपेई तीर्थ वाजपेई नलिनी ओमर आराधना गुप्ता रेनू मिश्रा आदि भक्तों ने आरती की।
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