नवंबर के अंत तक हो जाएगा 16वें वित्त आयोग का गठन
15 वें वित्त आयोग ने एक अप्रैल 2026 तक केंद्र और राज्यों के बीच टैक्स के बंटवारे का अनुपात तय किया है। एक अप्रैल 2026 के बाद टैक्स बंटवारे का अनुपात 16वां वित्त आयोग तय करेगा।
नई दिल्ली। (आरएनआई) वित्त सचिव टीवी सोमानाथन का कहना है कि नवंबर के अंत तक 16वें वित्त आयोग का गठन होने की उम्मीद है। वित्त सचिव ने बताया कि आयोग की टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तय हो चुकी हैं। इससे पहले 15वें वित्त आयोग ने बीती 9 नवंबर 2020 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2021-22 से लेकर वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिए सिफारिशें दी गई हैं।
बता दें कि वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जो केंद्र और राज्य के वित्त संबंधों पर सलाह देता है। अन्य चीजों के अलावा केंद्र और राज्य के बीच पांच साल तक टैक्स का बंटवारा कैसे होगा, इस पर भी वित्त आयोग अपनी सलाह देता है। 15वें वित्त आयोग ने एक अप्रैल 2026 तक केंद्र और राज्यों के बीच टैक्स के बंटवारे का अनुपात तय किया है। एक अप्रैल 2026 के बाद टैक्स बंटवारे का अनुपात 16वां वित्त आयोग तय करेगा।
15वें वित्त आयोग ने एनके सिंह की अध्यक्षता में केंद्र और राज्य के बीच टैक्स बंटवारे का अनुपात 42 प्रतिशत रखने की सलाह दी थी। जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 तक 42 प्रतिशत के अनुपात से ही केंद्र और राज्यों के बीच टैक्स का बंटवारा होगा। इससे पहले 14वें वित्त आयोग ने भी यह अनुपात 42 प्रतिशत ही रखा था। केंद्र और राज्य के बीच टैक्स बंटवारे का अनुपात तय करने के अलावा 15वें वित्त आयोग ने राजकोषीय घाटे, केंद्र और राज्यों के लिए कर्ज लेने के तरीकों और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के बाद राज्यों को उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर उनके अतिरिक्त उधार लेने संबंधी सलाह दी।
राजकोषीय समेकन के बाद सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत रखने का लक्ष्य तय किया है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 5.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
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