नर्सिंग घोटाले में सरकार ने मंत्री विश्वास सारंग को दी क्लीन चिट, उमंग सिंघार ने कहा- हम सदन से मैदान तक लड़ेंगे
भोपाल (आरएनआई) मप्र विधानसभा में आज नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ, कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाये गए कि तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग घोटाले में शामिल हैं इन पर सरकार एक्शन क्यों नहीं ले रही, इतना कहते ही सत्ता पक्ष भड़क गया। मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के एक एक आरोप का जवाब दिया जिसके बाद सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। सरकार के क्लीन चिट देते ही कांग्रेस भड़क गई, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार बचा रही है लेकिन हम संसद से सड़क तक इस मामले को लेकर जायेंगे।
मंत्री विश्वास सांरग ने सदन में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सुबह से देख रहा हूँ बार बार मेरा नाम लिया जा रहा हैं ऐसा लग रहा है जैसे विश्वास सारंग एक माफिया है। मुझ पर लगातार निजी अटैक किया जा रहा है, नर्सिग काउन्सिल ऑटोनोमस है इसमे मंत्री का हस्तक्षेप नहीं होता, मुझ पर आरोप लगाने से पहले पढ़ के आ जाते।
सारंग का आरोप जिस दिन कमलनाथ का इस्तीफा हुआ उस दिन 353 कॉलेज को मान्यता दी गई
सांरग ने कहा – सुनीता शिजू ने कांग्रेस सरकार के दौरान कॉलेज को मान्यता दी, 20 मार्च को कमलनाथ का इस्तीफा होता है उस दिन तत्कालीन मंत्री ने 353 कॉलेजों को मान्यता दी। कमलनाथ अपनी सरकार बचाने में लगे थे तब मंत्री कॉलेजों के मान्यता दे रही थी, क्या कोई पुरानी डीलिंग थी इसका जवाब कोई नहीं दे रहा। कांग्रेस ने 100 कॉलेज दो महीनों में ही खोल दिये थे हमने 415 कॉलेज का सत्यापन करवाया जिसमें 150 कॉलेज हमने बन्द किये।
मेरे दमन पर कीचड़ उछालने से तुम्हारा दमन साफ नहीं होगा : सारंग
उन्होंने कहा कि मेरे दामन पर कीचड़ उछालने से तुम्हारा दामन साफ नहीं होगा, ये सदन लोकतंत्र का मंदिर है यहाँ दूध का दूध और पानी का पानी होता है, हमने व्यवस्था पारदर्शी बनाई, बहुत सारे प्रयोग किये, हमने प्रक्रिया पारदर्शी बनाई और फर्जी कॉलेजों पर एक्शन लिया।
हम सदन से मैदान तक लड़ाई लड़ेंगे : सिंघार
उधर विश्वास सारंग को क्लीन चिट पर उमंग सिंघार का सदन में कहा कि उप मुख्यमंत्री घुमा रहे हैं सरकार ने नियम कायदों का मजाक बना रखा है लेकिन कांग्रेस सदन से लेकर मैदान तक लड़ाई लड़ेगी, ये लोग हाईकोर्ट में कुछ कह रही है लेकिन सदन में झूठ बोल रही है नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नर्सिंग काउंसिल में धारा 31 का दुरुपयोग किया गया, जब घोटला नहीं हुआ तो फिर धारा 31 के तहत काउंसिल को टेक ओवर क्यों किया, उन्होंने आरोप लगाया कि बिना मंत्री के संरक्षण के घोटाला संभव नहीं है।
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