नगर निगम और कंपनी की लापरवाही से मथुरा में फैल रही महामारी, नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं लोग

मथुरा (आरएनआई) ईद पर आई फिल्म सिकन्दर का सीन तो शायद आपने देखा ही होगा जिसमें कैसे एक महामारी से लोगो के लंग्स डेमेज हो रहे हैं पर क्या आपने कभी सोचा है रील में दिखाए जाने वाला सीन रियल में भी हो सकता है। आज हम जो देखने वाले है उसे देख कर आप भी दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर हो जाओगे कि जो सीन हमने फिल्म में देखा था क्या वो सीन रियल लाइफ में भी हो सकता है। आज इसे देखने के बाद आपको सलमान खान की फिल्म सिकन्दर की याद आ जाएगी। आइए बताते है आपको पूरा मामला। मामला है मथुरा जनपद के यमुनापार में नगला कोल्हू पर बने डंपिंग यार्ड का जहां इकठ्ठा हुए शहर के कूड़े से निकलने वाले खतरनाक वायरस से आस पास रहने वाले लोगों को सांस,लंग्स इन्फेक्शन,और कई गम्भीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। हवा ही नहीं वहां का पानी भी ऐसा है कि आप उसे पी नहीं सकते।और उसी पानी को नन्हे नन्हे नौनिहाल पी रहे हैं। मगर सुनने वाला कोई नहीं है। जब हमारी टीम वहां पहुंची तो लोगों ने अपना हाल कैमरे के सामने बयां किया। जिसे सुन आपकी आंखों से आंसू निकल आयेंगे।
आखिर किस तरह नारकीय जिंदगी जी रहे हैं वो लोग,आखिर कैसे छोटे छोटे नौनिहालों के जीवन को कुछ भ्रष्ट और चंद पैसों के लालच में अधिकारियों द्वारा बर्बाद किया जा रहा है।अगर इस आरडीएफ युक्त कूड़े का समय से निस्तारण हो जाता तो शायद इन लोगों को इतनी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। मगर इन पैसों के लालची लोगों को इन गरीबों की परवाह नहीं है। क्योंकि ये तो ए.सी ऑफिस में बैठते हैं,तो इन्हें कहां से पता चलेगा कि आसपास के लोगों को कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अब आप इसी फोटो से अंदाजा लगाइए कि नगर आयुक्त महोदय जब इस डंपिंग यार्ड का सर्वे करने जाते हैं तो मास्क लगा कर जाते हैं।जब चंद मिनट के लिए ये अधिकारी बगैर मास्क के वहां नहीं जा सकते तो जो लोग आसपास रह रहे है उनकी दशा क्या होगी। आइए सुनते हैं उनका दुख उन्हीं की जुबानी।आखिर क्या है इनके नारकीय जीवन जीने के पीछे की कहानी।
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