नई शिक्षा नीति में विश्व गुरु बनाने का एक भी पॉइंट नहीं-प्रो कनु भाई खड़ादिया
भोपाल के मायाराम सर्जन स्मृति भवन में आयोजित हुआ राज्य स्तरीय कन्वेंशन ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी ने नई शिक्षा नीति 2020 को वापस लेने की उठाई मांग।
भोपाल। (आरएनआई) ग्लोबल नॉलेज सुपर पावर बनाने के बिना चर्चा किए 34 साल बाद नई शिक्षा नीति लाए। लेकिन उसमे विश्व गुरु बनने का एक भी पॉइंट नहीं है। जब बीजेपी विपक्ष में थी तो एफडीआई का विरोध किया था और अब पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल गुजरात में लाए हैं। भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी एक आई थी और 200 साल राज किया। इस बिल के जरिए 100 यूनिवर्सिटी या कंपनी आएंगी तो कितना गुलाम बना देंगे। इसलिए NEP 2020 निरस्त किया जाना चाहिए। यह बात कनु भाई खड़ादिया (गुजरात) ने कही।
भोपाल में 24 सितंबर को ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमिटी द्वारा मायाराम सुरजन स्मृति भवन में राज्य स्तरीय कन्वेंशन रखा गया था। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में बात रखते हुए प्रोफेसर कनुभाई ने कहा कि 23 जून नई शिक्षा नीति लागू कर दी और पहली कक्षा में प्रवेश की आयु 6 वर्ष अनिवार्य कर दिया। इसी वजह से गुजरात में 8000 हजार छात्र प्रवेश लेने से वंचित हो गए। देश में मेडिकल, इंजीनियरिंग की हालत खराब है। मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स लाए हैं। इससे शिक्षा तहस नहस हो जाएगी। जहां बच्चे फ्री में पढ़ते थे, उनको अब 3 लाख रुपए देना पड़ रहे हैं। प्रोफेसर हैं नहीं। चॉइस सब्जेक्ट भी नहीं हैं। भाषा के नाम पर संस्कृत को बढ़ावा दे रहे हैं।संस्कृत भाषा का सम्मान करते हैं, यह भाषा विज्ञान के इस दौर में कारगर नहीं है।
बिना बाजार उपलब्ध कराए तकनीकी शिक्षा या रोजगारोन्मुखी शिक्षा का कोई औचित्य नहीं है। अध्यक्षीय उद्बोधन डॉ राम अवतार शर्मा ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा बचाओ आंदोलन की जरूरत की जरूरत है। नई शिक्षा नीति में कुछ नया नहीं है बल्कि यह नए शब्दजालों के साथ शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने, शिक्षा का सार तत्व नष्ट करने और समाज में अवैज्ञानिक चिंतन ले जाने का ही काम कर रहे हैं। कन्वेंशन को सुरेंद्र रघुवंशी (कवि ), एडवोकेट जितेंद्र शर्मा, शशि भूषण यादव, हीरानंद नरवरिया, डॉक्टर सुश्रुत पांडे, डॉ पुष्पराग शर्मा ने संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत में नीति को निरस्त करने के लिए प्रस्ताव अवनीत श्रीवास्तव ने रखा और समर्थन मोहर सिंह लोधी ने किया। एक प्रस्ताव कंपटीशन के दौरान में जान देने को मजबूर हो रहे छात्रों की स्थिति को राजेश पटेल ने रखा जिसका समर्थन गिर्राज सैनी ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन विद्या प्रसाद ने किया और कन्वेंशन का मुख्य संचालक मुदित भटनागर द्वारा किया गया।
नई कमेटी का गठन, अध्यक्ष डा पीएस बिसेन और सचिव सचिन जैन बने
इस दौरान ऑल इंडिया सेव एजुकेशन मध्य प्रदेश कमेटी का गठन किया गया। इसमें अध्यक्ष डॉ पीएस बिसेन (रिटायर वाइस चांसलर जीवाजी यूनिवर्सिटी) और स्टेट सचिन जैन को बनाए गए। तीन सदस्य एडवाइजरी बोर्ड बनाया जिसमें प्रोफेसर भरत छपरवाल (रिटायर वाइस चांसलर डीएवीवी इंदौर), महेश पुरी गोस्वामी (रिटायर जिला जज) हरनारायण पटसारिया(भू विज्ञानी), कमेटी के वाइस प्रेसीडेंट डॉ रामावतार शर्मा, महेंद्र सिंह (रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर) सुरेंद्र रघुवंशी सचिव मंडल सदस्य राजेश पटेल, मोहर सिंह लोधी, अवनीश श्रीवास्तव, विद्या प्रसाद शामिल हैं। इसी के साथ 20 सदस्यीय स्टेट कमेटी बनाई गई। कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी विद्या प्रसाद को और ऑफिस सेक्रेटरी अवनीश श्रीवास्तव रहेंगे।
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