'नई पेंटिंग अतीत-वर्तमान और भविष्य की प्रतीक', 1971 की जंग की फोटो हटाए जाने पर बोले सेना प्रमुख
सेना प्रमुख के कार्यालय में लाउंज की दीवार पर लगी 1971 के युद्ध में भारत के सामने पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की तस्वीर को मानेकशॉ कन्वेंशन सेंटर भेज दिया गया। इसे लेकर सेना के दिग्गजों और राजनीतिक दलों ने नाराजगी जताई थी। अब सेना प्रमुख कार्यालय में कर्म क्षेत्र नाम से नई पेंटिंग लगाई गई है।
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नई दिल्ली (आरएनआई) नई दिल्ली में रायसीना हिल्स स्थित सेना कार्यालय में लगी 1971 के युद्ध में भारत के सामने पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की तस्वीर को हटाने पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह सही है। पुरानी तस्वीर को हटाकर जो नई पेंटिंग लगाई गई है वह अतीत, वर्तमान और भविष्य की प्रतीक है।
पिछले दिनों सेना प्रमुख के कार्यालय में लाउंज की दीवार पर लगी 1971 के युद्ध में भारत के सामने पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की तस्वीर को रखरखाव कार्य के चलते उतार लिया गया था। काम पूरा होने के बाद तस्वीर को उसी दीवार पर लगाने की बजाय मानेकशॉ कन्वेंशन सेंटर भेज दिया गया। इसकी जगह कर्म क्षेत्र नाम की नई पेंटिंग लगाई गई। इसे लेकर सेना के दिग्गजों और राजनीतिक दलों ने नाराजगी जताई थी। कहा गया था कि तस्वीर यह भारतीय सैनिकों की बहादुरी की प्रतीक था।
इस मामले में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वर्णिम इतिहास में तीन भाग हैं। इसमें ब्रिटिश युग, मुगल युग और उससे पहले का युग है। यदि इसे सेना से जोड़ा जाए तो इसमें प्रतीकवाद अहम होगा। उन्होंने कहा कि यह पीढ़ीगत बदलाव है। कार्यालय में जो नई पेंटिंग लगाई गई है वह 28 मद्रास रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल थॉमस जैकब ने बनाई है।
सेना ने कहा कि नई पेंटिंग में कर्म क्षेत्र का मतलब है कि कर्मों का क्षेत्र। इसमें सेना को धर्म के संरक्षक के रूप में चित्रित किया गया है, जो राष्ट्र के मूल्यों की रक्षा करने और तकनीकी रूप से उन्नत एकीकृत बल के रूप में इसके विकास को दिखाता है। पेटिंग में लद्दाख की पैंगोंग झील के चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़, भगवान कृष्ण का रथ और दार्शनिक चाणक्य दिखाए गए हैं जोकि रणनीतिक ज्ञान को दिखाते हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि नई पेंटिंग वर्तमान वास्तविकताओं को देखते हुए बनाई गई है।
सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने कहा कि यह भी कहा जा रहा है कि पैंगोंग त्सो के तट पर एक अर्धवस्त्रधारी ब्राह्मण खड़ा है। अगर भारत के लोग चाणक्य को नहीं जानते हैं तो उन्हें अपनी सभ्यता के बारे में जानने की जरूरत है। सेना प्रमुख ने कहा कि 1971 की पेंटिंग को हटाया नहीं लगाया है। सेना प्रमुख के पास दो लाउंज हैं और पाकिस्तान के आत्मसमर्पण वाली तस्वीर मानेकशॉ सेंटर के लाउंज में है।
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