नंदगांव के बृजवासियों ने भी किया बाँकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर का जमकर विरोध
नंदगांव (मथुरा)। उत्सव था जसोदा मैया के जन्मदिन का। सभी बृजवासियों ने उत्सव मनाने के बाद कॉरिडोर को लेकर अपना जमकर विरोध दर्ज कराया और सभी ने एक स्वर में कहा कि सरकार को कॉरिडोर बनाने का अपना यह अनैतिक फैसला वापिस लेना ही चहिये और सरकार अपना यह फैसला वापिस नहीं लेती है तो हम प्रण करते हैं की किसी भी स्थिति में वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप को बिगाड़ने वाले इस कॉरिडोर को बनने नहीं देंगे।
नंदमहल मंदिर सेवायत विष्णु गोस्वामी जी ने कहा कि सरकार ब्रजवासियों को ना सताये और योगी जी हम आपसे विनती करते हैं की बृजवासियों की सेवा और रक्षा करें। "गौ ब्राह्मण हिताय च" की नीति पर चलें, इसी से आपका यश बढ़ेगा। कॉरिडोर को खत्म करें इससे बृज का नाश हो जायेगा, कुंज गलियों को किसी भी स्थिति में ना तोड़ा जाये।
"छोटो सो कन्हैया जाके बड़े बड़े नैन।
वृन्दावन की कुंज गलीन में थाड़ौ मारे सैंन।।"
मंदिर सेवायत गौरव गोस्वामी ने कहा कि सभी मंदिरों को बनाने की एक प्राचीन शैली होती है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के मंदिर बनते हैं। बृज के नंदगांव, संकेत, बरसाने, वृंदावन, मथुरा, दाऊजी आदि ब्रजमंडल के मंदिर वज्रनाभ जी की शैली से बने हुए हैं और आप यहां के किसी भी मंदिर को तोड़कर किसी भी अन्य शैली से नहीं बना सकते। बृज में छोटी-छोटी गलियां व परिक्रमायें हैं, जिसे देखने लोग देश–विदेश से आते हैं। सरकार को यह लोक विरोधी काम ना करते हुऐ वर्तमान मंदिर प्रांगण और द्वारों को बड़ा कर, अतिक्रमण हटाकर मंदिर को एक भव्य रूप देना चाहिए और कुंज गली कुंज गली ही रहने देनी चाहिये। आप वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में बृजवासियों को भले ही इंद्र का सिंहासन ही क्यों ना दे दो लेकिन वृंदावन वासी फिर भी अपनी इन कुंज गलियों को छोड़कर वहां भी नहीं जाना चाहता क्योंकि उनकी भावना ब्रजरस से जुड़ी हुई है।
मंदिर सेवायत सुशील गोस्वामी जी ने कहा कि जब कभी कहीं श्रद्धालु मरते हैं सरकार तब ही संज्ञान लेती है बस। वृन्दावन में 80 परसेंट तीर्थयात्री दिल्ली (एनसीआर) से आते हैं और दिल्ली में गलियारे के रूप में अक्षरधाम मंदिर है, लेकिन तीर्थयात्री फिर भी वहां ना जाकर वृन्दावन की कुंज गलियों को देखने आते हैं। सब जगह भ्रष्टाचार हावी है, जब कई हजार करोड़ की योजना आएगी तो कई सौ करोड़ों का भ्रष्टाचार भी होगा शायद इसलिए ही सरकार कॉरिडोर को बनाने पर ज्यादा जोर दे रही है, लेकिन भक्त–वैष्णव–ब्रजवासी ऐसा किसी भी स्थिति में नहीं होने देंगे।
नंदगांव मंदिर सेवायत भगवत प्रसाद गोस्वामी "भगत जी" ने कहा कि योगी जी आप से विनती करते हैं कि बृज की कुंजगलियों का व्याख्यान शास्त्रों और पुराणों में है, इसलिए इनसे छेड़खानी ना करें अन्यथा यह सरकार के हित में नहीं होगा। नंदगांव तक आने वाले मार्गों में कितने गड्ढे हैं, आज तक आप इन गड्ढों को भी नहीं भर पाये और आपके गड्डे भरने का सपना अधूरा ही रह गया।
विरोध करने वालों बृजनिष्ठ श्रीकन्हैया बाबा (गोवर्धन वाले), श्रीसोमदत्त दीक्षित ठाकुर जी, दीपक पाराशर, सुरेश शर्मा कटारा, अरुण गोस्वामी, कान्हा गोस्वामी, बंशी गोस्वामी, डी.बी शास्त्री, बलराम मास्टर गोस्वामी, हरिओम गोस्वामी, नितिन गोस्वामी, राम गोस्वामी, राम पंच आदि उपस्थित थे।
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