धूमधाम से संपन्न हुआ श्रीजानकीवल्लभ लालजी का 49वां त्रिदिवसीय वार्षिक महोत्सव
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन (आरएनआई) केशीघाट स्थित श्रीजानकी वल्लभ मंदिर में श्रीजानकीवल्लभ लालजी का 49वां, श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वरजी, श्रीहनुमानजी एवं ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा की मूर्ति प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में त्रिदिवसीय वार्षिक महोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्य जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज के पावन सानिध्य अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जन-जन के आराध्य हैं।इसीलिए उनकी पूजा देश ही नहीं अपितु विदेशों में की जाती है।
चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम सत्य सनातन धर्म के रक्षक व संवर्धक हैं।अयोध्या के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात के आबूधाबी में बने भगवान श्रीराम के मंदिर से यह सिद्ध होता है कि भगवान श्रीराम से सम्पूर्ण विश्व की आस्था और भावनाएं जुड़ी हुई हैं।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि बैकुंठवासी अनंतश्री विभूषित जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज श्रीरामानुज सम्प्रदाय की बहू मूल्य विभूति थे।उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों का निर्वाह श्रीजानकीवल्लभ मंदिर में स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज के निर्देशन में आज भी संचालित हो रहा है।
संत विद्वत सम्मेलन में वरिष्ठ शिक्षाविद पण्डित राजाराम मिश्र, संत स्वामी रघुनाथाचार्य महाराज, स्वामी गोविंद ब्रह्मचारी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी नवल गिरि, पूर्व प्राचार्य डॉ. रामसुदर्शन मिश्रा, डॉ. रामकृपालु त्रिपाठी, डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री महाराज, आचार्य ऋषि कुमार तिवारी, डॉ. हरिप्रसाद द्विवेदी, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन आचार्य लालजी शास्त्री ने किया।
इससे पूर्व श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वरजी व श्रीजानकीवल्लभ लालजी का तिरुमंजन, वैदिक विप्रों के द्वारा धर्मग्रंथों के पाठ, एवं श्रीहरिनाम संकीर्तन आदि के आयोजन भी संपन्न हुए।सायं को गाजे-बाजे के साथ ठाकुरजी की दिव्य व भव्य सवारी निकाली गई।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं तदीयाराधन (वृहद भंडारे) के साथ होगा।
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