देश में पहली बार मिले 16.7 करोड़ साल पुराने डायनासोर सॉरोपॉड के अवशेष
जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित पेपर में टीम ने जीवाश्म, इसकी स्थिति और मध्य जुरासिक के अन्य डायनासोरों के साथ तुलनात्मक रूप से यह कहां ठहरता है, इसका वर्णन किया है।
नई दिल्ली। (आरएनआई) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के पुरातत्वविदों की एक टीम ने भारत में डाइक्रायोसॉरिड सॉरोपॉड के पहले अवशेषों का पता लगाया है।
जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित पेपर में टीम ने जीवाश्म, इसकी स्थिति और मध्य जुरासिक के अन्य डायनासोरों के साथ तुलनात्मक रूप से यह कहां ठहरता है, इसका वर्णन किया है। यह जीवाश्म राजस्थान के जैसलमेर शहर के पास थार रेगिस्तान में मिले। पहले के शोध से पता चला है कि मेसोजोइक युग के यह क्षेत्र टेथिस महासागर के किनारे एक तटरेखा थी। जीवाश्म लगभग 16.7 करोड़ वर्ष पहले का है और इसकी पहचान डाइक्रेओसॉरिड्स के रूप में की गई है, जो लंबी गर्दन वाले डायनासोरों का एक समूह था जो वनस्पति खाते थे। यह भारत में पाए जाने वाले समूह का पहला सदस्य है और दुनिया में सबसे पुराना है। प्राचीन काल के सॉरोपोड्स, सॉरीशियन डायनासोर का एक विशिष्ट समूह जो क्रेटेशियस के अंत तक स्थलीय वातावरण पर हावी रहा इसकी विशेषता छोटी खोपड़ी, लंबी गर्दन और पूंछ थी।
टीम ने खोज का नाम थारोसॉरस इंडिकस रखा है। यह डिप्लोडोकोइड्स नामक एक बड़े समूह का हिस्सा है, जिनके लंबे शरीर और गर्दन के पीछे स्पाइक्स थे।
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