दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान बंगाल के सांसदों-नेताओं को बेहरमी से घसीटा
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय पर धरना दे रही तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से अधिक प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी।
नई दिल्ली, (आरएनआई) पश्चिम बंगाल का बकाया देने की मांग को लेकर कल दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। देशभर से टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने इस प्रदर्शन में भाग लिया। अब ममता बनर्जी की पार्टी ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शन के दूसरे दिन पुलिस ने उसके सांसदों और नेताओं के साथ हाथापाई की। इतना ही नहीं, उन्हें बेरहमी से घसीटा भी गया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय पर धरना दे रही तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से अधिक प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी।
मंत्री ज्योति ने इसपर पलटवार किया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो शेयर कर लिखा कि आज ढाई घंटे बर्बाद हो गए। तृणमूल सांसदों का इंतजार करती रही, लेकिन वो लोग नहीं आए। उन्होंने कहा कि तृणमूल सांसदों और बंगाल के मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने छह बजे मिलने का समय लिया था। इंतजार करने के बाद साढ़े आठ बजे वह कार्यालय से निकली हैं।
साध्वी निरंजन ज्योति ने टीएमसी सांसद और बंगाल मंत्रियों पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे तृणमूल कार्यकर्ताओं को जनता के रूप में पेश करते हुए मिलना चाहते थे, जो कार्यालय प्रणाली के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि वे बैठक के निर्धारित विषयों से पीछे हट गए क्योंकि उनका इरादा मिलने का नहीं बल्कि राजनीति करने का था। राज्य मंत्री ने आगे कहा कि तृणमूल नेताओं द्वारा ऐसा करना बेहद शर्मनाक है।\
आज तृणमूल के सांसदों की प्रतीक्षा करते करते 08:30 बजे कार्यालय से निकली हूँ।
मेरी जानकारी के अनुसार तृणमूल के सांसद और बंगाल के मंत्रियों के
प्रतिनिधिमण्डल ने कार्यालय में 06:00 बजे मिलने का समय लिया था।
ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में रात नौ बजे तक विरोध प्रदर्शन किया गया। इस धरने में पार्टी सांसदों और मंत्रियों ने भाग लिया। पार्टी का दावा है कि प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पुलिस ने नेताओं को हिरासत में लिया। उन्हें बेहरमी से घसीटा गया। एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सांसद महुआ मोइत्रा कहती दिख रही हैं कि एक सांसद के साथ ऐसा कर रहे हैं आप लोग। वहीं, घटनास्थल के वीडियो में दिख रहा है कि अभिषेक बनर्जी और अन्य नेताओं को पुलिस खींच कर ले जा रही है। एक अन्य वीडियो में राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को एक बस में डालकर ले जाते हुए दिखाया गया है।
बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार का दिन लोकतंत्र के लिए एक काला, भयावह दिन बताया। उन्होंने कहा कि एक ऐसा दिन जब भाजपा ने बंगाल के लोगों के प्रति अपने तिरस्कार, गरीबों के अधिकारों की उपेक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों के पूर्ण परित्याग का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पहले इन लोगों ने बंगाल के गरीबों के लिए जारी करने वाला धन रोक दिया। बाद में जब हमने इसका शांतिपूर्वक विरोध किया तो क्रूरता की गई।
दिल्ली पुलिस ने भाजपा की मजबूत भुजा के रूप में काम करते हुए बेशर्मी से हमारे प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया। लोगों को जबरन हटाया गया और अपराधियों की तरह पुलिस वैन में ले जाया गया, यह सब इसलिए क्योंकि उन्होंने सत्ता के सामने सच बोलने का साहस किया।' ममता ने आगे कहा कि भाजपा सरकार के अहंकार की कोई सीमा नहीं है और उनके अभिमान और अहंकार ने उन्हें अंधा कर दिया है। उन्होंने अब बंगाल की आवाज को दबाने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया। साथ ही आरोप लगाया कि टीएमसी के अभिषेक बनर्जी और सांसद-मंत्रियों के साथ दिल्ली पुलिस ने दुर्व्यहार किया। ग्रामीण विकास मंत्रालय के बाहर विरोध कर रहे नेताओं को बेरहमी से घसीटा और हिरासत में लिया।
जिन लोगों के साथ यह बदसलूकी की गई, उनमें बंगाल के चार गरीब मनरेगा मजदूर भी शामिल हैं, जो दिल्ली में मंत्री के सामने अपनी शिकायत रखने आए थे। उन्होंने साध्वी निरंजन पर भी आरोप लगाया कि समय देने के बाद और तीन घंटे इंतजार कराने के बाद भी वह बिना बैठक किए चुपचाप अपने ऑफिस से निकल गईं।
गोखले ने कहा कि जब हमने विरोध किया, तो दिल्ली पुलिस, सीआईएसएफ और आरएएफ ने पूरे प्रतिनिधिमंडल के साथ दुर्व्यवहार किया और सभी को हिरासत में ले लिया गया है।
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