दिल्ली के सरकारी स्कूलों को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहते हैं : अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह चाहते हैं कि शहर के सरकारी स्कूल दुनिया में सबसे बेहतर हों, ताकि विदेश से छात्र यहां शिक्षा हासिल करने के लिए आएं।
नयी दिल्ली, 22 जनवरी 2023, (आरएनआई)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह चाहते हैं कि शहर के सरकारी स्कूल दुनिया में सबसे बेहतर हों, ताकि विदेश से छात्र यहां शिक्षा हासिल करने के लिए आएं।
विदेशों में प्रशिक्षण के लिए गए शिक्षकों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने उनसे कहा कि वह उन्हें विदेश भेजते रहेंगे और उन्हें दिल्ली और देश के लोगों का समर्थन प्राप्त है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग इसे खर्च मानते हैं, लेकिन यह निवेश है। मुझे लगता है कि आप चार पुल कम और चार सड़कें कम बना सकते हैं, लेकिन हमें अपने शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण देना चाहिए। वे छात्रों को तैयार करेंगे, जो भविष्य में सड़कें और पुल बनाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अच्छा काम करने वालों को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति है।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘कुछ ऐसे लोग हैं, जो हमारा अच्छा काम देखते हैं और जलन महसूस करते हैं। वे हमें बदनाम करना चाहते हैं। लेकिन मेरी दलगत राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। अगर कोई भाजपा या कांग्रेस का व्यक्ति देश में कहीं शिक्षा व्यवस्था सुधारना चाहता है, तो मैं मनीष सिसोदिया को कुछ दिनों के लिए उनकी मदद करने को कह दूंगा। हम पूरे देश की शिक्षा प्रणाली में सुधार करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य शिक्षकों को सीखने का बेहतर अनुभव देना है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है। एक समय था, जब हम चाहते थे कि सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर हों। और ऐसा हुआ भी। अब हम चाहते हैं कि हमारे स्कूल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बनें। हम सर्वश्रेष्ठ होने की कल्पना करते हैं।’’
केजरीवाल ने कहा कि लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास शिक्षकों को दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं से परिचित कराने का है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे आलोचक भी मानते हैं कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है। यह दिल्ली के दो करोड़ लोगों की वजह से हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि 2015 से पहले, स्कूल बेहद खराब स्थिति में थे, लेकिन अब उनकी स्थिति बेहतर हैं। उन्होंने इस बदलाव के लिए शिक्षकों की सराहना की।
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