दावोस के लिए रवाना हुए सीएम शिंदे, विश्व आर्थिक मंच में लेंगे भाग
महाराष्ट्र की 2023 में WEF में भागीदारी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1,37,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए और उनका निष्पादन हुआ। उन्होंने कहा कि 2024 में और अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और उनका निष्पादन बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे विश्व आर्थिक मंच में भाग लेने के लिए दावोस जाने के लिए सोमवार को मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचे। उन्होंने जोर देकर कहा कि दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में महाराष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग और प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
पत्रकारों से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, 'यह महाराष्ट्र के लिए एक बड़ा मौका है, क्योंकि दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में महाराष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग और शोकेसिंग का मौका मिलेगा, जहां दुनियाभर से लोग आते हैं।' बड़े-बड़े लोग आते हैं, देश के राष्ट्राध्यक्ष आते हैं और महाराष्ट्र के लिए बहुत बड़ा अवसर है।
महाराष्ट्र की 2023 में WEF में भागीदारी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1,37,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए और उनका निष्पादन हुआ। उन्होंने कहा कि 2024 में और अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और उनका निष्पादन बड़े पैमाने पर किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे पूरे राज्य में रोजगार आएगा।
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, 'पिछली बार भी 1,37,000 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। 76 प्रतिशत रूपांतरण और निष्पादन हुआ। इस बार भी काफी उम्मीद है कि पिछले साल से ज्यादा एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे और इसका रूपांतरण क्रियान्वयन भी बड़े पैमाने पर होगा। इससे न केवल बड़े शहरों में बल्कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में भी उद्योग आएगा और सभी को रोजगार मिलेगा। साथ ही उद्योग जगत में प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले हमारा राज्य तीसरे-चौथे स्थान पर पहुंच गया था। लेकिन हमारी सरकार बनते ही हमारा राज्य एफडीआई में नंबर वन बन गया।
सीएम शिंदे ने बताया कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी का 5 ट्रिलियन डॉलर का सपना महाराष्ट्र से होकर गुजरता है। हमने महाराष्ट्र में 1 ट्रिलियन रुपये का लक्ष्य रखा है। महाराष्ट्र में निवेश करने के लिए लोगों की इच्छा पर प्रकाश डालते हुए शिंदे ने कहा कि लोग महाराष्ट्र आने के लिए तैयार हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में भारी संभावनाएं हैं। यहां बुनियादी ढांचा, कनेक्टिविटी और कुशल जनशक्ति है। महाराष्ट्र में उद्योग नीति बहुत लचीली है। दावोस का यह दौरा पिछली बार से भी ज्यादा सफल होगा और एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे और उनका रूपांतरण भी होगा।
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