दशहरे पर परंपरागत राजसी पोशाक में पुत्र के साथ सामने आये “महाराज” ज्योतिरादित्य सिंधिया, कुलदेवता की पूजा की, दी शुभकामनायें
ग्वालियर (आरएनआई) देश से रियासतें ख़त्म हुए भले ही कई दशक बीत गए लेकिन रियासती परम्पराएँ अभी भी जीवित हैं जिसका निर्वाह उस रियासत के सदस्य आज भी करते हैं, देश की बड़ी और शान शौकत वाली रियासत में से एक रही सिंधिया रियासत भी इन्हीं में से एक है जिसके महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार की परंपरा निभाने से कभी नहीं चूकते।
सिंधिया परिवार की ये विशेषता है कि उस परिवार का मुखिया अपने कुलदेवता की पूजा और पारिवारिक परम्परा को सबसे पर रखता है ग्वालियर में रहने वाले लोग पहले माधव महाराज यानि माधव राव सिंधिया अब महाराज जोतिरादित्य सिंधिया को ये परम्परा निभाते देख रहे हैं, सबसे अच्छी बात ये है कि ज्योतिरादित्य अब इन सब आयोजनों में अपने पुत्र महान आर्यमान को भी साथ लेकर चलते हैं क्योंकि उन्हें भी अपने परिवार की परंपरा की जानकारी होनी चाहिए।
Jyotiraditya Scindia ने देवघर में की कुलदेवता की पूजा
ज्योतिरादित्य सिंधिया आज अपनी पारंपरिक राजसी पोशाक में पुत्र महान आर्यमान के साथ गोरखी स्थित देवघर में अपने कुलदेवता की पूजा अर्चना के लिए पहुंचे, उन्होंने अपने कुल देवी, देवता दक्षिण केदार, दुर्गा मैया, राजशाही शस्त्र, सिंधिया रियासत की मुहर, प्रतीक चिन्हों, राजपरिवार के प्रतीक ध्वज और शस्त्रों का पूजन किया.. साथ ही राजशाही गद्दी पर बैठकर दरबार लगाया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देशवासियों को दी दशहरा की शुभकामनाएं
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियरवासियों, प्रदेशवासियों और देशवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा आज का दिन असत्य पर सत्य की जीत का दिन है, बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन है, अन्याय पर न्याय की जीत का दिन है हम इस दिन पर संकल्प लें कि हम अपने देश और प्रदेश की प्रगति और विकास में सहभागी बनेंगे।
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