दर्शन के नाम पर महाकाल के भक्तों से ठगी... कर्मचारी निकले करोड़पति
मध्य प्रदेश के उज्जैन से श्रद्धालुओं से बाबा महाकाल के दर्शन के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। मंदिर में काम करने वाले दो कर्मचारियों को इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों श्रद्धालुओं से नगद और खाते में ठगी के पैसे लेते थे। दोनों कर्मचारी साल 2016 से पहले ही मंदिर में नौकरी पर लगे थे।
उज्जैन (आरएनआई) आज के समय में ठग नए-नए तरीके निकालकर ठगी कर रहे हैं और भोले भाले लोग इन ठगों के झांसे में आ जाते हैं। अब नया मामला मध्य प्रदेश के उज्जैन से सामने आया है। यहां विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के नाम पर उन से लाखों रुपए की ठगी की गई। इस मामले में पुलिस ने सफाई प्रभारी विनोद चौकसे और सभा मंडप प्रभारी राकेश श्रीवास्तव को पकड़ा।
जब पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो पहले दोनों कर्मचारी बाबा महाकाल की सेवा करने की झूठी बातें कहते रहे, लेकिन जब इनके खाते खंगाले गए और सख्ती से पूछताछ की गई, तो कर्मचारियों के खातों ने वह सब राज उगल दिए जिसकी आशंका पुलिस को भी थी। महाकाल मंदिर में सेवा के नाम पर भगवान भोलेनाथ के भोले भाले भक्तों से ठगी करने वाले दोनों कर्मचारी करोड़पति निकले।
दोनों ने गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों से बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं से नंदी हॉल, बेरिकेट और चांदी द्वार से दर्शन करवाने के नाम पर करोड़ों की वसूली की। इसका सबूत खुद उनके बैंक ट्रांजेक्शन हैं। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि सभा मंडप प्रभारी राकेश श्रीवास्तव जो कि साल 2016 से मंदिर में काम कर रहा था। उसने कुछ महीने पहले ही विनोद मील की बेशकीमती कॉलोनी में लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपए का प्लॉट खरीदा है।
इस प्लॉट को खरीदने के साथ ही पुलिस को राकेश के अकाउंट में भी लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन मिले हैं। उसके खाते में उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक के साथ ही अन्य प्रदेशों के श्रद्धालुओं के डाले गए रुपयों के ट्रांजेक्शन पुलिस को मिले हैं। लगभग 6 महीने के ट्रांजेक्शन में ही पुलिस के पास यह आंकड़ा 50 लाख रुपए तक पहुंच चुका है। पुलिस ने राकेश के पूरे एक साल का ट्रांजेक्शन बैंक से मांगा है, जिसके मिलने के बाद विनोद चौकसे की ओर से ली गई राशि का और भी बड़ा खुलासा होगा।
इस पूरे मामले में एसपी प्रदीप शर्मा का कहना है कि मंदिर में अनाधिकृत रूप से दर्शन करवाने के नाम पर श्रद्धालुओं से ठगी करने के मामले में दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। शुरुआती जांच में इनके बैंक खातों में ज्यादा ट्रांजेक्शन के साथ ही उनकी संपत्ति की भी जानकारी लगी है। इसलिए इस मामले में एसपी नितेश भार्गव सीएसपी ओ पी मिश्रा और महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र परिहार गहनता से जांच करने में लगे हुए हैं। जांच के दौरान जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विनोद चौकसे महाकाल मंदिर में सफाई प्रभारी के पद पर काम करता था। जबकि उसकी बेटी प्राइवेट कंपनी क्रिस्टल में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर काम करती थी। पुलिस को जानकारी लगी है कि विनोद श्रद्धालुओं में से लिए जाने वाले रुपयों के छोटे ट्रांजेक्शन तो अपने खाते में ही करवा लेता था लेकिन 10,000 से ज्यादा की राशि वह अपनी बेटी के अकाउंट में करवाता था। विनोद के पुलिस गिरफ्त में आने के बाद से ही उसकी बेटी और पत्नी गायब है और उनके घर पर ताला लगा हुआ है। महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि कर्मचारी विनोद और राकेश के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था लेकिन अब दोनों कर्मचारियों को नोटिस जारी कर उनकी सेवाएं भी समाप्त कर दी गई है।
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