दबंगों ने उजाड़ी सजी बगिया, किसान ने हिंदू रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्कार
भागलपुर के बड़ी मोहनपुर में असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए कृत्य ने सबको चौंका दिया। यहां 500 छोटे-छोटे पौधे और 150 से ज्यादा बड़े पेड़ काट दिए गए, जो बगान मालिक और किसानों की मेहनत और पैसों से लगाए गए थे। पेड़ों के नुकसान के बाद, किसानों ने उनका अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया और हिंदू रीति-रिवाज से उनका शवयात्रा निकालने का अनोखा कदम उठाया।
भागलपुर (आरएनआई) भागलपुर से एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां लोगों को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा है कि आखिरकार ऐसा भी हो सकता है क्या..? असामाजिक तत्वों ने बगिया को उजाड़ा, 500 से अधिक पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया, बासा में भी आग लगा दी, विरोध में किसानों ने पेड़-पौधों की अर्थी सजाई और शव यात्रा निकली, फिर हिंदू रीति रिवाज के साथ गंगा घाट पर पेड़ों का अंतिम संस्कार भी किया। सुनकर अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन यह भागलपुर के पीरपैंती के बड़ी मोहनपुर से सामने आई सच्ची घटना है।
21वीं सदी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पेड़-पौधों की महत्वता भी बढ़ती जा रही है। मनुष्यों में पेड़-पौधों के प्रति लगाव बढ़ रहा है। लोग उसे अपने परिवार का हिस्सा मानने लगे हैं, लेकिन कुछ जगहों पर असमाजिक तत्वों के द्वारा इसे नुकसान पहुंचाया जाता है। मानो इससे ही उन्हें खुशी मिलती हो। भागलपुर मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर पीरपैंती के बड़ी मोहनपुर में असमाजिक तत्वों ने शर्मनाक घटना को अंजाम दिया है। उनके द्वारा 500 छोटे-छोटे पौधे और 150 से अधिक बड़े पेड़ों को काट दिया गया। यूं कहें तो पेड़ों की हत्या कर दी गई।
शोक जताते हुए बगान के मालिक और लोगों ने पेड़-पौधों का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया, फिर लोगों ने पेड़-पौधों को फकडोल पर लादकर शवयात्रा निकाली, चचरी पर मृत पौधों को लाद बाकायदा उसकी पूजा की गई, चौराहों पर परिक्रमा की गई, उसके बाद यात्रा करते हुए गंगा घाट पहुंचे और वहां मंत्रोच्चारण के साथ पौधों को गंगा में प्रवाहित किया। इस अनोखी शव यात्रा में गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए।
वर्चस्व कायम करने के लिए असामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया। मोहनपुर के रहने वाले ओमप्रकाश जयसवाल के बगान में लगे पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया गया। यहां मनरेगा के तहत भी ढाई लाख खर्च कर 400 से अधिक पौधे लगाए गए थे, जिसे असामाजिक तत्वों ने नष्ट कर दिया। किसानों को द्वारा अपने पैसे से लगाए गए भी 300 से अधिक पेड़-पौधों को काट दिया गया। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सामाजिक तत्वों ने बगीचे में तांडव मचाया है।
पेड़-पौधों की देखभाल करने वाले गोपी मंडल के बनाए बासा में आग भी लगा दी, जहां वह दिन और रात के वक्त रहा करते थे। तीन दिन पहले बासा में आग लगाई थी। बगान मालिक के बेटे अरुण जयसवाल ने चार असामाजिक तत्वों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर कार्रवाई में जुटी है। अरुण और उनकी पत्नी ने कटे पौधों की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की। अरुण ने बताया कि पेड़-पौधों को हम बच्चों की तरह, परिवार की तरह सेवा करते हैं। जब इस तरह की घटना हुई काफी आहत हुए हैं।
बागान के मालिक अरुण की पत्नी शालिनी कुमारी ने कहा कि जिसने ऐसी घटना की उन लोगों को सजा मिलनी चाहिए। पौधों को देख बहुत तकलीफ हुई। हमने अपना धर्म निभाया, पुरुषों ने अपना धर्म निभाया और पौधों का अंतिम संस्कार किया। सरकार के द्वारा वातावरण और पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए मनरेगा के तहत पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। इसी वजह से ग्रामीणों ने भी प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।
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