तुर्किये, सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 16,000 के पार

तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में ढहे घरों के मलबे से और शव निकाले जाने बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 16,000 से अधिक हो गई है। तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

Feb 9, 2023 - 21:30
 0  486
तुर्किये, सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 16,000 के पार

गाजियांतेप (तुर्किये), 9 फरवरी 2023, (आरएनआई)। तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में ढहे घरों के मलबे से और शव निकाले जाने बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 16,000 से अधिक हो गई है। तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

इस बीच, राहतकर्मी मलबे के ढेर में दबी जिंदगी तलाशने में जुटे रहे तथा हादसे में जीवित बचे कई और लोगों को आज निकाल लिया गया।

समाचार एजेंसी आईएचए ने बताया कि अंताक्या शहर में रात भर काम करने वाले आपातकालीन कर्मचारियों ने एक इमारत के खंडहर से हेजल गनेर नाम की एक लड़की को बचाया तथा लड़की के पिता सोनेर गनेर को भी बचा लिया गया।

जैसे ही सोनेर को एम्बुलेंस में ले जाया जाने लगा, बचाव दल ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी जीवित है और वे उसे इलाज के लिए उसी फील्ड अस्पताल में ले जा रहे हैं।

अपनी बेहद कमजोर आवाज में सोनेर ने बचावदल के कर्मियों से कहा, “मैं आप सभी से प्यार करता हूं।”

डीएचए समाचार एजेंसी ने बताया कि अंताक्या के पूर्व में स्थित दियारबाकिर में बचाव दल ने एक घायल महिला को सुबह एक ढही हुई इमारत से जीवित निकाल लिया। महिला के बगल में तीन लोग हालांकि मलबे में मृत पाए गए।

देश की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि तुर्किये में सोमवार तड़के आए भूकंप और बाद के झटकों से देश में 12,873 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि 60 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

दूसरी तरफ, सीरिया में भी 3,162 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है। वहां पांच हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।

भूकंप से जान-माल को हुए नुकसान के बीच लाखों लोग बेघर भी हो गए हैं। अंताक्या में सेरप अर्सलान नाम की एक महिला उस इमारत के मलबे को नम आखों से देखती मिली जिसके नीचे उसकी मां और भाई दबे हुए हैं। सेरप ने कहा कि यहां भारी मलबे को हटाने के लिए तंत्र ने बुधवार से काम शुरू किया है।

उन्होंने कहा, “हमने खुद से मलबे को हटाने का प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्य से हमारे प्रयास पर्याप्त नहीं थे।”

सेलेन एकीमन ने हाथों में पहने दस्तानों से अपने आंसू पोंछते हुए बताया कि उसके माता-पिता और भाई अब भी मलबे में दबे हुए हैं।

उन्होंने कहा, “कई दिनों से उनकी कोई आवाज नहीं आ रही। कुछ नहीं।”

सरकार की प्रतिक्रिया के बेहद धीमी होने को लेकर आलोचनाओं के बीच राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन का बृहस्पतिवार को भूकंप प्रभावित प्रांत गाजियांतेप, ओस्मानिया और किलिस का दौरा करने का कार्यक्रम है।

बचावकर्मियों ने क्षतिग्रस्त घरों के मलबों में जीवित बचे लोगों की तलाश जारी रखी है, लेकिन हादसे के तीन दिन बीतने और भीषण ठंड के कारण हर बीतते घंटे के साथ और लोगों को बचा पाने की उम्मीदें भी फीकी पड़ती नजर आ रही हैं।

इंग्लैंड स्थित ‘नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी’ में प्राकृतिक खतरों के विशेषज्ञ स्टीवन गोडबाय ने कहा, ‘‘पहले 72 घंटों को महत्वपूर्ण माना जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘24 घंटों के भीतर जीवित रहने का औसतन अनुपात 74 प्रतिशत, 72 घंटों के बाद 22 प्रतिशत और पांचवें दिन यह छह प्रतिशत होता है।’’

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0
RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.