ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के चलते पटना से पुणे तक हाहाकार, पेट्रोल पंपों पर जुटी भीड़
हड़ताल अगर लंबी खिंची तो हालात और भी खराब हो सकते हैं। बता दें कि देशभर के ड्राइवर हिट एंड रन को लेकर लाए गए नए कानून का विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) ट्रांसपोर्ट की हड़ताल का असर आम जन-जीवन पड़ रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में खाने-दूध की कमी हो रही है। वहीं देश के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें दिख रही हैं। हड़ताल अगर लंबी खिंची तो हालात और भी खराब हो सकते हैं। बता दें कि देशभर के ड्राइवर हिट एंड रन को लेकर लाए गए नए कानून का विरोध कर रहे हैं।
ट्रांसपोर्ट यूनियनों के प्रदर्शन पर ऑल इंडिया मोटर एंड गुड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने कहा कि हमारी एकमात्र मांग यह है कि सरकार को मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव सभी पक्षों से चर्चा के बाद करने चाहिए थे। इस पर किसी से कोई भी चर्चा नहीं की गई। न ही इस पर किसी से कुछ पूछा गया। हमारी संस्थान की तरफ से किसी ने भी आंदोलन नहीं बुलाया। लेकिन इस पर चर्चा बेहद जरूरी है। प्रदर्शन से कभी हल नहीं निकला है। हमें विश्वास है कि सरकार हमारे सदस्यों से चर्चा करेगी और इस पर फैसला लेगी।
ट्रांसपोर्टर यूनियनों की हड़ताल का असर उत्तर भारत के पंजाब से लेकर मध्य भारत में महाराष्ट्र तक देखा जा रहा है। यहां पेट्रोल टैंकरों के न पहुंच पाने से कई पेट्रोल पंप खाली हो गए। माना जा रहा है कि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में सब्जी और दूध के दाम भी बढ़ सकते हैं। कई जिलों में तो मंगलवार शाम को ही तेल की आपूर्ति न होने का अनुमान लगाया गया है।
महाराष्ट्र के नासिक में ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि नए नियमों के विरोध में तेल ले जाने वाले टैंकरों के ड्राइवर भी उतर आए हैं। इस वजह से तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है। दूसरी तरफ हिमाचल में प्रदर्शनों की वजह से पर्यटन क्षेत्र को भी तगड़ा झटका लगा है। यहां टूरिस्टों को कैब्स की बुकिंग में भी दिक्कत आ रही है। इतना ही नहीं महाराष्ट्र में स्कूल बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि अगर डीजल सप्लाई रुकती है तो हमारी स्कूल बसें भी रुक जाएंगी, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर उल्टा असर पड़ सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए हिट एंड रन संबंधी नए कानून के विरोध में देशभर के ट्रक-बस चालकों ने चक्का जाम कर दिया है। ड्राइवरों की मांग है कि यह कानून गलत है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। ड्राइवरों की हड़ताल के चलते लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। माल ढुलाई ना होने से कई जगहों पर जरूरी सामान की कमी हो गई है और कुछ पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल भी नहीं मिल रहा है। कई जगहों पर पेट्रोल खत्म होने की अफवाह फैल रही है, जिसकी वजह से लोग कमी को देखते हुए अपने वाहनों में पेट्रोल भरवा रहे हैं, इससे पेट्रोल पंपों पर लंबी लंबी कतारें लग गई हैं।
वाहन चालकों ने तीन दिन की हड़ताल का एलान किया है। ड्राइवरों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन भी हो सकती है। गौरतलब है कि आईपीसी की जगह सरकार ने नया भारतीय न्याय संहिता कानून बनाया है। इस कानून की धारा 104 में में प्रावधान किया गया है कि अगर लापरवाही से गाड़ी चलाने पर किसी की मौत हो जाती है तो इसे गैर इरादतन हत्या माना जाएगा और ड्राइवर को पांच साल की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही इस धारा में प्रावधान है कि ड्राइवर अगर लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी को टक्कर मारकर मौके से भाग जाता है और पुलिस को इसकी जानकारी नहीं देता तो उस स्थिति में ड्राइवर को 10 साल तक की जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वाहन चालक इसी का विरोध कर रहे हैं क्योंकि आईपीसी के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने से अगर किसी की मौत हो जाती थी तो वाहन चालक को दो साल जेल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान था।
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z
What's Your Reaction?