ट्रम्प सजा पाने वाले अमेरिकी इतिहास के पहले राष्ट्रपति: न्यूयॉर्क कोर्ट ने जेल न भेजकर बेशर्त रिहाई दी, कहा-आपको पछतावा नहीं

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी इतिहास में सजा पाने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्हें आज यानी शुक्रवार को एडल्ट फिल्म स्टार को पैसे देकर चुप कराने के मामले से जुड़े 34 आरोपों में सजा सुनाई गई। फिलहाल, न्यूयॉर्क की मैनहट्टन कोर्ट ने ट्रम्प को जेल न भेजकर बिना किसी शर्त बरी कर दिया है।

Jan 10, 2025 - 23:59
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ट्रम्प सजा पाने वाले अमेरिकी इतिहास के पहले राष्ट्रपति: न्यूयॉर्क कोर्ट ने जेल न भेजकर बेशर्त रिहाई दी, कहा-आपको पछतावा नहीं

न्यूयॉर्क (आरएनआई) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी इतिहास में सजा पाने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्हें आज यानी शुक्रवार को एडल्ट फिल्म स्टार को पैसे देकर चुप कराने के मामले से जुड़े 34 आरोपों में सजा सुनाई गई। फिलहाल, न्यूयॉर्क की मैनहट्टन कोर्ट ने ट्रम्प को जेल न भेजकर बिना किसी शर्त बरी कर दिया है।

ट्रम्प वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट रूम में 4 बड़ी स्क्रीन लगाई गई, ट्रम्प सजा सुनाए जाने के दौरान इन पर नजर आए। फैसला सुनाते हुए जस्टिस जुआन मर्चेन ने कहा, 'मैं आपके दूसरे कार्यकाल में सफलता की कामना करता हूं।'

ट्रम्प को मिली ये सजा सिर्फ सांकेतिक है। इसका मतलब ये है कि उन्हें न तो जेल होगी और न ही उन्हें कोई जुर्माना भरना पड़ेगा। हालांकि वे एक अपराधी साबित हो चुके शख्स के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ लेंगे जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचेगा।

जस्टिस मर्चेन ने कहा, "इस देश के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति) की शक्तियों में दखलंदाजी किए बगैर ट्रम्प को बिना शर्त छोड़ना ही सही सजा होगी।" ट्रम्प ये सुनकर चुप रहे और उनकी स्क्रीन एकदम से बंद हो गई।

ट्रम्प को उनके शपथ ग्रहण से ठीक 10 दिन पहले सजा सुनाई गई। उन्हें ये सजा पिछले साल जुलाई में ही सुनाई जानी थी, जिसका खामियाजा उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ता। इसके चलते वे बार-बार सजा को टलवाते रहे।

ट्रम्प ने 6 नवंबर को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में जीत हासिल की थी और वे 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। ट्रम्प ने सजा से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हालांकि कोर्ट ने गुरुवार को उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।

सुनवाई के वक्त क्या-क्या बातें हुईं...

सजा सुनाने की शुरुआत जस्टिस जोशुआ स्टीनग्लास ने की। उन्होंने कहा, "ट्रम्प ने सुनवाई के दौरान कोर्ट पर जिस तरह के आरोप लगाए उनसे न्यायिक व्यवस्था की छवि को नुकसान हुआ है।" उन्होंने कहा- ट्रम्प ने अपने किए पर पछताने के बजाय कोर्ट के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया।

ये सुनकर ट्रम्प ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, बस ना में सिर हिलाया। ट्रम्प के वकील ने कहा- वे जस्टिस स्टीनग्लास की इन बातों से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। स्टीनग्लास के बाद ट्रम्प के बोलने की बारी आई। उन्होंने कहा- ये केस उनके लिए बहुत बुरा अनुभव है, ये न्यूयॉर्क और उसके कोर्ट सिस्टम के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है।

ट्रम्प ने कोर्ट में नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत का जिक्र भी किया। उन्होंने जस्टिस डिपार्टमेंट पर मिलीभगत का आरोप लगाया। ट्रम्प ने कहा- मैं निर्दोष हूं, मेरे साथ भेदभाव हुआ है।

ट्रम्प अब गन नहीं रख पाएंगे, DNA सैंपल देना होगा

ट्रम्प इस मामले में राष्ट्रपति बनने के बाद खुद को माफी दे सकते हैं। अमेरिकी संविधान राष्ट्रपति को ये अधिकार देता है। लेकिन अब तक किसी भी राष्ट्रपति ने खुद को माफी नहीं दी है। ट्रम्प ने ऐसा किया तो पहले राष्ट्रपति होंगे। न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल के पास भी ट्रम्प को माफी देने का अधिकार है।

न्यूयॉर्क कोर्ट से दोषी सिद्धि के बाद अब ट्रम्प अब गन नहीं रख पाएंगे। न्यूयॉर्क के कानून के अनुसार ट्रम्प को DNA सैंपल देना होगा। DNA प्रोफाइलिंग के बाद ये क्रिमिनल के डेटा बैंक में रिकॉर्ड होगा। फ्लोरिडा के वोटर के रूप में रजिस्टर्ड ट्रम्प का वोटिंग का अधिकार कायम रहेगा।

कोर्ट ने ट्रम्प को शपथ के 10 दिन पहले ही सजा सुनाने का फैसला क्यों लिया?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जज जुआन मर्चेन ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसके बाद ट्रम्प को राष्ट्रपति को मिलने वाली कानूनी छूटों का फायदा मिल सकता है। इस कारण राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ट्रम्प की सजा का ऐलान करना जरूरी है।

अमेरिका के संविधान के आर्टिकल 2 के सेक्शन 4 के मुताबिक, राष्ट्रपति को उनके पद पर रहते हुए किसी भी आपराधिक मामले में सजा नहीं दी जा सकती। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रपति कानूनी प्रक्रिया से ऊपर हैं, बल्कि वे अपने पद पर रहते हुए किसी भी आपराधिक मामले में दोषी नहीं बन सकते।

अगर राष्ट्रपति को किसी तरह की क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, तो उन्हें केवल इम्पीचमेंट यानी महाभियोग के जरिए ही पद से हटाया जा सकता है। अगर वे पद से हटा दिए जाते हैं, तो उन्हें आम लोगों की तरह सामान्य कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। इसमें अभियोजन, सजा और अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल हैं।

ट्रम्प पर कौन से 34 आरोप लगे थे?

  • ट्रम्प पर गलत बिजनेस रिकॉर्ड दिखाने के मामले में 34 चार्ज लगाए गए थे। ये सभी चार्ज 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले एडल्ट फिल्म स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए 1 लाख 30 हजार डॉलर करीब 1 करोड़ 7 लाख रुपए देने से जुड़े थे।
  • 11 चार्ज चेक साइन करने से जुड़े थे। अन्य 11 चार्ज कोहेन के कंपनी में जमा किए गए गलत इनवॉइस से जुड़े थे और बाकी बचे 12 चार्ज रिकॉर्ड्स में गलत जानकारी देने के थे।
  • ट्रम्प के वकील माइकल कोहेन ने आरोप लगाया था कि उन्होंने ट्रम्प के कहने पर अपने पास से स्टॉर्मी को पैसे दिए थे, जिससे वो 2016 के चुनाव से पहले ट्रम्प के साथ अफेयर को लेकर कुछ न बोलें।
  • आरोप था कि ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनने के बाद कोहेन को पैसे वापस लौटाए। इसके लिए उन्होंने 10 महीने तक कोहेन को कई चेक दिए। उन्होंने रिकॉर्ड में इसे लीगल फीस दिखाया, जो असल में एक अपराध छिपाने के लिए किया गया पेमेंट था।
  • आरोपों से जुड़े दस्तावेज में कहा गया था कि ट्रम्प ने लगातार न्यूयॉर्क बिजनेस रिकॉर्ड में गलत जानकारी दी, जिससे वे अपने अपराध को छिपा सकें और उन्हें चुनाव में फायदा हो।
  • 5 अप्रैल 2023 को ट्रम्प पर मैनहट्टन की कोर्ट में 34 आरोप तय किए गए थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति को सजा दिलाने वाले सरकारी वकील- एल्विन ब्रैग

NYT के मुताबिक इतिहास में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति को सजा दिलाने का कारनामा प्रॉसिक्यूटर एल्विन ब्रैग ने किया है। प्रॉसिक्यूटर सरकारी वकील होता है, जो सरकार की तरफ से केस को पेश करता है। प्रॉसिक्यूटर की जिम्मेदारी होती है कि वो संदिग्ध अपराधी के खिलाफ (जो इस केस में ट्रम्प थे) आरोप तय करे।

जब केस कोर्ट पहुंचता है तो प्रॉसिक्यूटर को आरोपों के पक्ष में बहस कर ये साबित करना पड़ता है कि क्राइम हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस केस के चलते एल्विन ब्रैग की सरकारी वकील के तौर पर साख दांव पर लगी थी। कुछ लोग इसे जॉम्बी यानी मरा हुआ केस मान रहे थे।

केस को नतीजे तक पहुंचा कर एल्विन ने अमेरिकी इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। वो पहले प्रॉसिक्यूटर हैं जिनकी दलीलों से कोई अमेरिकी राष्ट्रपति न सिर्फ दोषी साबित हुआ बल्कि सजा भी मिली। सुनवाई के बाद ब्रैग ने कहा, 'मैंने सिर्फ अपना काम किया है।'

5 पॉइंट में समझिए एडल्ट फिल्म स्टार को पैसे देने का पूरा मामला

1. एडल्ट फिल्म स्टार को पैसे देकर चुप कराने का मामला 2006 का है। तब डोनाल्ड ट्रम्प एक रियल एस्टेट कारोबारी थेे। एडल्ट फिल्म स्टार स्टार्मी डेनियल्स तब 27 साल की थीं और ट्रम्प 60 साल के। जुलाई 2006 में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी।

2. स्टॉर्मी ने अपनी किताब 'फुल डिस्क्लोजर' में इस मुलाकात का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि जब ट्रम्प से उनकी मुलाकात हुई, तब उनकी तीसरी पत्नी मेलेनिया ने बेटे बैरन को जन्म दिया था। बैरन को जन्म लिए महज 4 महीने ही हुए थे।

3. अपनी किताब में स्टॉर्मी ने बताया कि ट्रम्प के बॉडीगार्ड्स ने उन्हें एक नए स्टार के पेंटहाउस में डिनर के लिए बुलाया था। किताब में उन्होंने ट्रम्प के साथ बने संबंधों और उनकी शारीरिक बनावट का भी जिक्र किया था। इसके बाद दोनों के बीच अफेयर शुरू हो गया था।

4. आरोप हैं कि 2016 में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ट्रम्प ने स्टॉर्मी को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। ट्रम्प के वकील ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि उसने ट्रम्प की तरफ से एडल्ट फिल्म स्टार को 1 लाख 30 हजार डॉलर (करीब 1 करोड़ 7 लाख रुपए) दिए थे।

5. ट्रम्प की ओर से एडल्ट फिल्म स्टार को दिए गए पेमेंट का खुलासा जनवरी 2018 में वाल स्ट्रीट जर्नल ने किया था। इसी के आधार पर ट्रम्प के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने का फैसला किया गया। वे अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनपर आपराधिक मुकदमा चलने वाला है।

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