झूठी निकली अपहरण की कहानी, पुलिस का खुलासा विदेश में दोस्त के साथ पढ़ाई के लिए जाना चाहती थी, इसलिए रची 30 लाख की फिरौती की साजिश
शिवपुरी-कोट (आरएनआई) शिवपुरी जिले के बैराड़ कस्बे में रहने वाली काव्या धाकड़ के कोटा राजस्थान से हुए अपहरण की कहानी का खुलासा पुलिस ने किया है, कोटा पुलिस का दावा है कि अब तक जो साक्ष्य सामने आये हैं उसने हिसाब से अपहरण की कहानी झूठी है , NEET की पढ़ाई कर रही छात्रा अपने दोस्त के साथ विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहती थी जिसके लिए उन्हें पैसों की जरुरत थी और इसीलिए उन्होंने अपहरण की कहानी रचकर पिता से 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी, पुलिस खुलासे में जो सबसे बड़ी बात सामने आई है वो ये है कि पूरा घटनाक्रम इंदौर का है कोटा का नहीं।
स्कूल संचालक रघुवीर धाकड़ की 20 साल की काव्या धाकड़ के अपहरण के चैप्टर को पुलिस ने क्लोज कर दिया है , कोटा एसपी डॉ अमृता दुहन ने आज कोटा में मीडिया को बताया कि अब तक जो इन्वेस्टिगेशन हुआ है उस हिसाब से पूरा घटनाक्रम बनावटी लग रहा है, पुलिस ने घटना स्थल का पता लगा लिया जो कोटा का नहीं इंदौर का है जहाँ काव्या पहले NEET की कोचिंग करती थी।
उन्होंने कहा कि जो तस्वीरें सामने आई थी उसी समय मामला संदिग्ध लग रहा था , हमने टीमें एक्टिव की, जयपुर, इंदौर और अन्य जगह टीमें भेजी और छात्रा के एक साथी को कोटा पुलिस ने इंदौर से डिटेन कर लिया, पूछताछ में छात्रा के साथी ने बताया कि फोटो उसके ही घर के हैं, उसने पुलिस को बताया कि काव्या अपने साथी के साथ विदेश जाना चाहती थी जिसके लिए उसे पैसे चाहिए थे और उसने उसी दोस्त के साथ मिलकर 30 लाख की फिरौती की कहानी बनाई ।
पुलिस ने अपहरण की कहानी को फर्जी तो बता दिया है लेकिन काव्या और उसका दोस्त से अभी पुलिस दूर है, एसपी अमृता दुहन ने छात्रा और उसके साथी से अपील की है कि वह जहां भी हैं परिवार और पुलिस से संपर्क करें, पुलिस और परिजन उनका सहयोग करेंगे। एसपी ने सोशल मीडिया में वायरल हो रही जयपुर दुर्गापुरा स्टेशन पर सीसीटीवी में कैद हुई तस्वीरें की आधिकारिक पुष्टि नहीं की, उन्होंने कहा है कि हमारी टीम में लगातार इस पूरे मामले में जुटी हुई है।
आपको बात दें कि बीते सोमवार को काव्या धाकड़ के पिता रघुवीर धाकड़ के फोन पर काव्या की तस्वीरें आई जिसमें उसके हाथ , पैर, मुंह बंधे हुये थे, व्हाट्स एप भेजी गई तस्वीरों के साथ मैसेज था कि 30 लाख दे दो वर्ना बेटी को जान से मार देंगे, मामला सामने आने के बाद स्कूल संचालक पिता ने कोटा पुलिस से संपर्क किया क्योंकि वे सितंबर 2023 में बेटी को NEET की पढ़ाई के लिए कोटा कोचिंग के लिए छोड़कर आये थे , पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की , इस बीच कल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल और रघुवीर धाकड़ से बात कर बच्ची की सकुशल लाने का भरोसा दिया था।
बहरहाल पुलिस के खुलासे के मुताबिक अपहरण की कहानी झूठी है और पूरी साजिश इंदौर में काव्या के दोस्त के किचिन में रची गई तो अब सवाल ये उठता है कि बेटी कब कोटा से इंदौर पहुंची?क्या वो कोचिंग में पढ़ नहीं रही थी? कोचिंग वालों ने काव्या के कोचिंग नहीं पहुँचने पर परिजनों को जानकारी क्यों नहीं दी? पुलिस इन सब सवालों के जवाब तलाशने होंगे।
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