जैन समाज के औषधीय वन में आरोग्य भारती ने लगाएं औषधीय पौधे
एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत आरोग्य भारती ने केंट मुक्ति धाम में किया पौधारोपण, घर-घर तक पहुंचे औषधीय पौधों का महत्व मुकेश दिक्षित।
गुना (आरएनआई) आरोग्य भारती जिला गुना द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत औषधीय पौधे का वर्तमान जीवन में महत्व को बढ़ावा देते हुए औषधीय पौधे लगाकर लोगों को जागृत किया गया। कार्यक्रम संयोजक एवं आरोग्य भारती के जिला पर्यावरण प्रभारी विकास जैन ने बताया कि आरोग्य भारती जिला गुना द्वारा शनिवार को औषधीय पौधे को बढ़ावा देते हुए श्री राम मुक्ति धाम के पास जैन समाज गुना द्वारा संचालित आचार्य श्री विद्यासागर दयोदय गोशाला स्थित औषधीय वन में स्कूली छात्रों के साथ आरोग्य भारती ने औषधीय पौधे लगाए। इसी के साथ ही केंट मुक्ति धाम के पास स्थित पार्क में नीम, जामुन, आंवला, गिलोय, मोरंगा आदि औषधीय पौधारोपण किया गया साथ ही लगाएं गए सभी पौधे को बड़े होने तक उन्हे संरक्षित करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर आरोग्य भारती मध्य भारत प्रांत के प्रांतीय प्रचारक मुकेश दीक्षित, आरोग्य भारती मध्य भारत प्रांतीय सचिव ओ पी सोनी, जिला अध्यक्ष डॉ पुरुषोत्तम बुनकर, जैन समाज अध्यक्ष संजय जैन, किशोरी स्वास्थ आरोग्य भारती की प्रदेश सदस्य डॉ स्वेता अरोरा, जिला पर्यावरण प्रभारी विकास जैन नखराली, उपाध्यक्ष बी डी शर्मा, दिलीप सक्सेना, जैन समाज प्रचार मंत्री अजय जैन, मनोज जैन, प्रदीप जैन सहित बड़ी संख्या में स्कूली छात्र उपस्थित रहे। आरोग्य भारती प्रांत सचिव डॉ सोनी ने कहा कि औषधीय पौधों को लगाने, उनके उपयोग करने का एक उचित तरीका होता है। जिसकी जानकारी अधिकांश लोगों को नहीं होती। इसलिए जरूरी है कि लोगों को औषधीय पौधों की सही जानकारी हो। कुछ ऐसे ही उद्देश्य के साथ आरोग्य भारती द्वारा स्वास्थ्य रक्षक औषधीय गृह वाटिका को बढ़ावा देकर लोगों को जागृत करने का काम किया जा रहा हे। डॉ सोनी ने कहा कि औषधीय पौधों की महत्ता को घर-घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है। आज तुलसी हर घर में संरक्षित है क्योंकि लोग उसका महत्व जानते हे। यही काम प्रत्येक औषधीय पौधे के साथ होना चाहिए।
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