जून में सामान्य से कम बरसात हुई, 11 फीसदी गिरावट; भारत में बारिश पर IMD ने जारी किए ताजा आंकड़े
मौसम विभाग (IMD) ने भारत में बारिश से जुड़े ताजा आंकड़े जारी कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जून में सामान्य से कम बरसात रिकॉर्ड की गई है। आईएमडी के मुताबिक जून, 2024 में 11 फीसदी कम बारिश हुई जो बीते पांच साल में इस महीने में सर्वाधिक कम बरसात है।
नई दिल्ली (आरएनआई) अलग-अलग कारणों से बदल रहे मौसम और अचानक होने वाली बारिश के बावजूद जून, 2024 में सामान्य से कम बारिश हुई है। मौसम विभाग की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक जून में 11 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। IMD ने बकाया कि देश में जून महीने में औसतन 165.3 एमएम बारिश होती है, लेकिन इस साल केवल 147.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। 2001 के बाद यह सातवीं सबसे कम बारिश वाला महीना रहा। बीते पांच साल में कभी भी जून में 11 फीसदी कम बारिश नहीं देखी गई।
महाराष्ट्र तक मानसून सामान्य रूप से आगे बढ़ा, लेकिन इसके बाद बारिश के अनुकूल हालात नहीं बने। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कमजोर मानसून के कारण बारिश का इंतजार बढ़ गया। इस कारण उत्तर पश्चिम भारत में भीषण गर्मी का असर और अधिक बढ़ गया।
मौसम विभाग प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा, देश में 11 जून से 27 जून तक सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई। इसके कारण कुल मिलाकर सामान्य से कम बरसात दर्ज की गई। IMD के मुताबिक उत्तर पश्चिम भारत में 33 प्रतिशत कम बारिश हुई, जबकि मध्य भारत में 14 फीसदी की गिरावट देखी गई। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 13 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई। केवल दक्षिण भारत में ही 14 फीसदी अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई।
आईएमडी ने बताया कि देश में चार महीनों के मानसून सीजन के दौरान कुल 87 सेंटीमीटर बारिश हुई है। इसमें 15 फीसदी बरसात जून के महीने में हुई है। 30 मई को केरल औऱ पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों में मानसून ने समय से पहले दस्तक दी थी। इस आधार पर अनुमान था कि बारिश अच्छी होगी। आंकड़े सामने आने के बाद 11 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। मौसम विभाग प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा, देश में 11 जून से 27 जून तक सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई। इसके कारण कुल मिलाकर सामान्य से कम बरसात दर्ज की गई।
उत्तर पश्चिम भारत में 33 प्रतिशत कम बारिश हुई, जबकि मध्य भारत में 14 फीसदी की गिरावट देखी गई। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 13 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई। केवल दक्षिण भारत में ही 14 फीसदी अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बताया कि देश के 12 फीसदी उपमंडल क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश देखी गई। 38 फीसदी इलाकों में सामान्य बारिश दर्ज की गई। 50 फीसदी इलाकों में अल्प वर्षा हुई। IMD के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 25 वर्षों में से 20 साल ऐसे रहे जब जून में वर्षा सामान्य से कम (लंबी अवधि की औसत (LPA) से 92 फीसदी कम) रिकॉर्ड की गई। इसी औसत के आधार पर बीते 25 में 20 साल की अवधि में जुलाई में बरसात सामान्य या सामान्य से अधिक रही।
IMD के आंकड़ों के मुताबिक LPA से इतर सामान्य रूप से देखने पर बीते 25 में 17 साल ऐसे रहे जब जून में सामान्य से कम बारिश हुई। हालांकि, इन 17 वर्षों में मौसमी बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक रिकॉर्ड की गई। यह जानना भी रोचक है कि बीते एक महीने के दौरान बारिश में कमी आने की खबरों के साथ ही देश के कुछ राज्यों में अचानक मौसम बदलने और बादल फटने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण अति वृष्टि, अनावृष्टि और अल्पवृष्टि जैसे हालात पैदा हो रहे हैं।
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