जीव के सभी मनोरथों को सिद्ध करने वाला है 108 कुण्डीय श्रीराम महायज्ञ : आचार्य रामदेव चतुर्वेदी
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
बहुलावन-मथुरा (आरएनआई) छटीकरा-राधाकुंड रोड़ स्थित ग्राम बाटी (बहुलावन) क्षेत्र स्थित श्रीव्यास तपोवन श्रीराम गौसेवा कुंज में अखिल भारतीय श्रीराम मित्र मंडल के द्वारा महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी के पावन सानिध्य में 108 कुण्डीय नव दिवसीय श्रीराम महायज्ञ में श्रीगोपाल वैष्णव पीठ(गोपाल मंदिर, मथुरा) के अध्यक्ष आचार्य कुंज किशोर चतुर्वेदी के आचार्यत्व में देश-विदेश से आए असंख्य भक्त-श्रद्धालुओं ने यज्ञ कुंड में वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य आहुतियां दीं।साथ ही यज्ञ मंडप की 108 परिक्रमा भी की।
महोत्सव में अखिल भारतीय श्रीराम मित्र मंडल के अध्यक्ष महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी महाराज ने सभी भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीराम महायज्ञ की महिमा बताते हुए कहा कि श्रीराम महायज्ञ का अनुष्ठान सभी अरिष्टों का नाश करने वाला है।प्रत्येक मनुष्य को जीवन में एक बार इस यज्ञ में आहुतियां अवश्य देनी चाहिए।इस यज्ञ के फल से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं।साथ ही उसके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि हमारा देश ऋषियों, मुनियों व तपस्वियों की पावन भूमि है।जहां पर यज्ञ-हवन, कथा-कीर्तन एवं सत्संग आदि का अत्यधिक महत्व है।इसीलिए यहां पर नवदिसीय 108 कुंडी श्रीराम महायज्ञ जैसे आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए।क्योंकि इन्ही धार्मिक आयोजनों से भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति पोषित व पल्लवित होती है।
आयोजन में मुख्य यजमान एवं अखिल भारतीय श्रीराम मित्र मंडल के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र विश्नोई (कानपुर), उपाध्यक्ष दिनेश त्रिपाठी (कानपुर), महामंत्री कैलाश अग्रवाल (दिल्ली), सदस्य अमित बंसल (कोलाकता), ब्रजेंद्र मथुरान (कोलकाता), रचित जिंदल (दिल्ली), गौरव जिंदल, कृष्ण केशरवानी (रायपुर), श्रीमती कुंजलता चतुर्वेदी, मानस कीर आचार्य लवदेव चतुर्वेदी, मानस चंचरीक आचार्य कुशदेव चतुर्वेदी, डॉ. राधाकांत शर्मा, गुलाब चतुर्वेदी (मुंबई), अभय चतुर्वेदी, विनोद चतुर्वेदी (मथुरा), सुनील चतुर्वेदी, अरविंद चतुर्वेदी, पंडित दाऊजी शर्मा (ग्राम-बाटी), रामबाबू सिंह, छैलो सिंह, कंचन सिंह, इंद्र सिंह, लक्ष्मण सिंह, हेमो सिंह आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
सायं काल श्रीआदर्श रामलीला मंडल(मथुरा) के द्वारा स्वामी मयंक देव चतुर्वेदी व सूरज देव चतुर्वेदी के निर्देशन में दिव्य रामलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।तदोपरांत संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं भंडारा भी हुआ।
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