जीएमसी में आपत्तिजनक पोस्ट के खिलाफ प्रदर्शन
जीएमसी श्रीनगर प्रशासन ने गुरुवार को स्नातक कक्षाओं के क्लासवर्क को 8 जून तक स्थगित करने का आदेश दिया। सभी से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
श्रीनगर (आरएनआई) सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) श्रीनगर में सोशल मीडिया पर डाली ली गई आपत्तिजनक पोस्ट के खिलाफ प्रदर्शन किया गया है। मामले को लेकर गुरुवार को जीएमसी श्रीनगर प्रशासन ने स्नातक कक्षाओं के क्लासवर्क को 8 जून तक स्थगित करने का आदेश दिया है। साथ ही सभी से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
बुधवार को एक गैर-स्थानीय मेडिकल छात्र द्वारा अपत्तिजनक एक पोस्ट को लेकर कॉलेज में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। अधिकारियों ने बताया कि जीएमसी श्रीनगर के कई छात्रों और जूनियर डॉक्टरों ने उक्त मेडिकल छात्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने गैर-स्थानीय छात्र को अपमानजनक चित्र हटाने के लिए तीन घंटे का समय दिया था, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। आरोप है कि इस पोस्ट से धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गई।
उधर, जीएमसी श्रीनगर ने एक्स पर पोस्ट किया, 'मामले का तत्काल संज्ञान लिया गया है। जांच लंबित रहने तक संबंधित छात्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। नियमों के तहत आवश्यक कार्रवाई के लिए 13 एचओडी/एचओयू की जांच ने शुरू की है। सभी संबंधितों से अनुरोध है कि वे परिसर में शांति बनाए रखें।'
एनआईटी श्रीनगर में आज के लिए कक्षाएं निलंबित
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर में गुरुवार को पीजी, यूजी और पीएचडी छात्रों के लिए क्लासवर्क स्थगित कर दिया गया। एनआईटी प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, '06.06.2024 (गुरुवार) को संस्थान में क्लासवर्क स्थगित रहेगा। बाहर रहने वाले किसी भी यूजी/पीजी/पीएचडी छात्र को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
जीएमसी श्रीनगर मामले पुलिस ने संज्ञान लिया है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा, 'पुलिस ने जीएमसी श्रीनगर के एक छात्र द्वारा एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ संवेदनशील सामग्री पोस्ट करने की घटना का संज्ञान लिया है। जीएमसी श्रीनगर प्रशासन से सूचना मिलने पर, 6 जून 2024 को पीएस करण नगर में धारा 153,153ए, 295ए, 505 (2) आईपीसी के तहत एक आपराधिक मामला, एफआईआर संख्या 13/24 दर्ज किया गया है।'
पुलिस ने आगे कहा कि आम जनता से अपील की जाती है कि वे अफवाहों व झूठी सूचनाओं को फैलाने से बचें। उन्हें असामाजिक तत्वों के झूठे प्रचार का शिकार नहीं होना चाहिए। जो लोग भड़काऊ कृत्य या उकसाने में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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