जिस योजना ने एमपी में पलट दी थी सियासी बाजी, उसी को कांग्रेस ने हरियाणा में बनाया सियासी हथियार
हरियाणा में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जिन महत्वपूर्ण दावों का जिक्र किया है, उसमें महिलाओं को दो हजार रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा से लेकर बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को छह हजार रुपए की पेंशन की घोषणा की है।
नई दिल्ली (आरएनआई) हरियाणा विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के सात पक्के वादों वाला घोषणा पत्र बुधवार को जारी हो गया। इस घोषणा पत्र में जहां राजस्थान की गहलोत सरकार वाले चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना का प्रमुखता से लागू किए जाने का जिक्र किया गया है। वही मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना से पलटी सियासी बाजी वाली 18 साल से ऊपर की प्रत्येक महिला को दो हजार रुपए वाली घोषणा का जिक्र है। कांग्रेस ने पहले घोषणा पत्र में जो दावे किए हैं वह न सिर्फ लोक लुभावन है। बल्कि दिल खोलकर जनता पर रुपए लुटाने से लेकर मुफ्त योजनाओं को देने का पूरा पिटारा तैयार किया है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि जनता को उनकी जरूरत की सभी सुविधाओं को उनकी सरकार बनने पर दिया जाएगा। हालांकि, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कांग्रेस ने अपने दो चरणों में लांच होने वाले घोषणा पत्र के पहले हिस्से में कहीं भाजपा तो कहीं अपनी ही सरकार के सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करने की घोषणा कर हरियाणा के चुनाव में मजबूत दावेदारी पेश की है।
हरियाणा में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जिन महत्वपूर्ण दावों का जिक्र किया है, उसमें महिलाओं को दो हजार रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा से लेकर बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को छह हजार रुपए की पेंशन की घोषणा की है। चुनावों में सर्वे करने वाली एक प्रमुख एजेंसी से जुड़े तरुण मानव कहते हैं कि जो घोषणा पत्र कांग्रेस ने जारी किया है वह पूरी तरीके से अपनी सरकार और भारतीय जनता पार्टी की महत्वपूर्ण योजनाओं का कॉकटेल है। मानव कहते हैं कि मध्य प्रदेश में जिस लाडली बहना योजना ने वहां पर भाजपा के हाथ से फिसली हुई बाजी को पलट दिया था। उसी को कांग्रेस ने अपना हथियार बनाते हुए हरियाणा के चुनाव में बड़ा दांव चला है। वह कहते हैं कि यह दांव कितना कारगर होगा यह तो चुनाव के नतीजे बताएंगे लेकिन कांग्रेस ने इस घोषणा से बड़े समीकरण साधे हैं। वह कहते हैं कि उन्होंने मध्य प्रदेश के चुनाव में बहुत बारीकी से इस बात को ऑब्जर्व किया था कि वहां की चुनावी बाजी लाडली बहना योजना ने ही पलटी थी। इसलिए इस योजना को जो भी दल अपने घोषणा पत्र में फ्लोट करेगा उसके लिए सियासी समीकरण मजबूत ही माने जा सकते हैं।
राजस्थान में गहलोत सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के दम पर कांग्रेस ने अपना पूरा चुनाव लड़ा था। उनका कहना है कि उनकी एजेंसी से जुड़े हुए लोगों ने पूरे चुनाव के दौरान गांव-गांव जो सर्वे किया था उसमें इस बात की तस्दीक हुई थी कि चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना गहलोत सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। हालांकि यह बात अलग है कि और भी बहुत से तमाम कारणों के चलते राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार वापस नहीं आई। लेकिन इस योजना की राजस्थान के चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा थी। अब इसी योजना को हरियाणा में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है। तरुण कहते हैं कि स्वास्थ्य बीमा के लिहाज से यह योजना चुनाव में माहौल बनाने के लिए पर्याप्त है। उनका कहना है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र की महत्वपूर्ण योजनाओं को उनके नेता और कार्यकर्ता जनता तक कैसे ले जाते हैं यह जरूर देखना होगा।
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