जिला प्रशासन के रकबा 722 पर अवेध कब्जो व निर्माण से लगता है जाम
पेश प्रकरण के तहत अवमानना की सुनवाई में न्यायालय के आदेश पर जिला प्रशासन ने आज 1 तारीख को असत्य परिपालन रिपोर्ट पेश की, जिला प्रशासन के पैरवी कर्ता वकील ने अधिकारियों की व्यस्तता होने की दलील पेश की, जिसको माननीय न्यायालय ने नही सुना, कहा कि आप परिपालन रिपोर्ट पेश करे
गुना। मामला-लक्ष्मीगंज, सुगन चोराहे,सदर बाजार सहित 722 रकवा के अतिक्रमण, कब्जे को लेकर दिए आदेश में परिपालन न किए जाने पर अवमानना का प्रकरण cjm न्यायालय में दर्ज है, जिसकी सुनवाई में आज शनिवार को जिला प्रशासन के वकील द्वारा असत्य रिपोर्ट पेश की गई।
फरियादी पत्रकार नवीन मोदी व अन्य के वकील शेलेन्द्र यादव ने बताया कि एक जनहित में आदेश लोकोपयोगी सेवा अंतर्गत न्यायालय ने आदेश पारित किया था, जिसका परिपालन न करने पर 5 माह बाद अवमानना का प्रकरण cjm न्यायालय में लगाया गया, जिसमे न्यायालय के आदेश की लगातार अवहेलना पर सिविल जेल भेजे जाने का कलेक्टर ओर तहसीलदार के विरुद्ध पेश किया गया।
जिसमे कहा गया कि आवेदक को न्याय नही मिल रहा है और आदेश की लगातार अवहेलना की जा रही है जिससे रकबा 722 में अतिक्रमण-कब्जे से लक्ष्मीगंज,सुगन चोराहे,सदर बाजार सहित नई सड़क पर स्थिति बद से बदतर हो रही है,ओर लगातार जाम से परेशानी हो रही है।
अधिवक्ता श्री यादव ने कहा कि इस मामले में न्यायालय से आदेश के बाद कुछ भी नही करने पर cjm कोर्ट में अवमानना का प्रकरण दर्ज में पिछली पेसी तक प्रशासन के पैरवी कर्ता वकील के आवेदनों को स्वीकार किया गया था, लेकिन लगातार अव्हेलना किए जाने पर 02-03-2023 को फिर दिए गए आवेदन को निरस्त करते हुए सख्त रूप से चेतावनी देकर न्यायालय के दिए आदेश के परिपालन में रिपोर्ट पेश करने हेतु निर्देश देते हुए उसे नोटसीट पर भी लिया था।
इसमें आज 01,04,2023 को cjm न्यायालय में पेसी पर सरकारी वकील द्वारा बहाना बनाया गया कि अधिकारी व्यस्त ओर भोपाल गए है, को माननीय न्यायालय ने नही माना, ओर परिपालन रिपोर्ट पेश करने कहा, जिसपर प्रशासन के वकील आधे अधूरे असत्य दस्तावेज पेश किए।
जिसपर माननीय न्यायालय में मौखिक आपत्ति दर्ज कराते हुए फरियादी के जनहित में न्याय न मिलने को लेकर कहा गया कि वनवे बनाने का कहकर प्रशासन गुमराह कर रहा है,जबकि उसे अवेध कब्जे, निर्माण से अवरुद्ध हुई सड़क,गुमटियों व पक्के आवागमन जाम में बाधक निर्माण को जनहित में हटाना चाहिए। तभी न्यायालय के आदेश के तहत न्याय फरियादी को मिलेगा। जिसमे पेस असत्य दस्तावेजो पर आपत्ति व बहस 6-4 को नियत है।
What's Your Reaction?