जिला पशु चिकित्सालय/राजकीय पशु चिकित्सालय कछौना में नहीं एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन, सर्पदंश से कैसे बचें पशुओं की जान
कछौना, हरदोई( आरएनआई )सरकार एक तरफ गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहा है। कोई आउटपुट न मिलने के बाद किसान व आम आदमी छुट्टा गौवंश से प्रभावित है। प्रतिदिन कोई न कोई राहगीर किसान छुट्टा गौवंश की चपेट में आने से मृत्यु के घाट उतर जाता है। वही अस्थाई गौशाला में अव्यवस्थाओं के कारण कुछ माह में गौवंश मर जाते हैं। सरकार केवल धार्मिक आस्था के नाम पर बजट पानी की तरह बहा रही है। बारिश के समय में सर्प दंश की घटनाएं बढ़ जाती है। आम जनमानस में जागरूकता की कमी व समय से इलाज न मिलने के कारण बेजुबान पशुओं व लोगों की जान चली जाती है।
वुधवार सांयकॉल को सामाजिक कार्यकर्ता व पशुपालक अंकित कुमार उर्फ राजकुमार निवासी सेमरा कलां मजरा महरी की पालतू भैंस को जहरीले कीड़े सर्प ने काट लिया। उन्होंने तत्काल इमरजेंसी वाहन पशुपालन 1962 पर कॉल की।तथा पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशीष कुमार को फोन मिलाया उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। आधे घंटे में मोबाइल सेवा वैन इमरजेंसी वाहन पहुंच गया। स्वास्थ्य कर्मियों ने प्राथमिक उपचार किया, लेकिन सर्प दंश की घटनाओं में शुरुआत का एक घंटा काफी महत्वपूर्ण होता है। उनके पास एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन नहीं था। उन्होंने पशु को इलाज हेतु रिफर कर दिया। पशुपालक ने जिला पशु चिकित्सा अधिकारी से दूरभाष पर बात की उन्होंने बताया पूरे जिले में एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है।पशुपालक मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया। एन्टी वेनम मार्केट में भी नहीं उपलब्ध था। पशुपालन विभाग की सच्चाई खुल गई। वह बेजुबान पशुओं के लिए कितना गंभीर है। लोग दर-दर भटकने को विवश हैं। जिसकी कीमत पशुपालक को उठानी पड़ती है। सरकारी सिस्टम के बेजुबान पशु भेंट चढ़ जाते हैं। पूरे प्रकरण की शिकायत पशुपालक ने शासन प्रशासन से की, एंटी स्नेक वेनम (जीवन रक्षक) इंजेक्शन की उपलब्धता न होना गंभीर समस्या है।
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