जिला अस्पताल में बन रही लिक्विड कल्चर एंड ड्रग सेंसेटिविटी लैब
उज्जैन, (आरएनआई) जिला अस्पताल में एक बड़ी सौगात तैयार हो रही है। भारत सरकार द्वारा यहां पर लिक्विड कल्चर एण्ड ड्रग सेंसेटिविटि लैब स्थापित करवाई जा रही है। सबकुछ ठीक रहा तो यहा लैब मार्च 24 से अपना काम शुरू कर देगी। इस लैब में उज्जैन संभाग के टीबी के मरीजों के कल्चर की जांच होगी, जोकि अभी तक भोपाल भेजी जाती थी। करोड़ों रुपए में स्थापित होने वाली इस लैब के लिए अभी इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित हो रहा है।
जिला अस्पताल में टीबी के मरीजों की जांच और उपचार के लिए अलग से इकाई कार्यरत है। अब इस इकाई के साथ एक और सौगात जुडऩे जा रही है। इसका नाम है-लिक्विड कल्चर एण्ड ड्रग सेंसेटिविटि लैब। इस लैब में उज्जैन संभाग के टीबी के मरीजों के कल्चर की जांच होगी। जिससे पता चल सकेगा कि मरीज के शरीर में टीबी का प्रभाव कितने प्रतिशत तक है। साथ ही मरीज को कौनसी दवाई दी जाना चाहिए, ताकि वह जल्द से जल्द ठीक हो सके।
सेठी भवन के प्रथम तल को किया खाली
जिला अस्पताल के सेठी भवन के प्रथम तल को इस लैब के निर्माण के लिए खाली करवा लिया है। लैब बनाने के लिए प्राथमिक स्तर पर आधारभूत संरचना तैयार की जा रही है। जल्द ही यहां पर लैब स्थापित करनेवाली एजेंसी के कर्मचारी आकर अपना काम शुरू कर देंगे। दो दिन पूर्व भोपाल से एनएचएम का दल एवं मुंबई से लैब बनाने वाली एजेंसी का दल उज्जैन आकर सिविल सर्जन से मिल चुका है और काम की धीमी गति को लेकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त कर चुका है।
इन दलों के द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि स्थानीय स्तर पर पूरी तरह से सहयोग नहीं मिल पाया तो लैब समय सीमा में अर्थात् फरवरी 24 तक नहीं बन पाएगी। ऐसी स्थिति में एक बड़ी सौगात जिला अस्पताल, उज्जैन के हाथों से फिसल सकती है। इसी के चलते सिविल सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा इसे बनवाने की दिशा में आनेवाली सभी समस्याओं का निदान करते जा रहे हैं।
जल्द से जल्द जांच होगी
अप्रत्यक्ष रूप से यह भी पता चल जाएगा कि मरीज की शारीरिक स्थिति किस दिशा में जाएगी अर्थात् जीवन रेखा कितनी लम्बी है? इस लैब में होने वाली जांच करीब 100 प्रतिशत सटीक होगी। इस लैब के स्थापित होने के बाद उज्जैन सहित उज्जैन संभाग के टीबी के मरीजों के कल्चर, जांच हेतु भोपाल भेजे जाना बंद हो जाएंगे। अभी संभाग के सबसे दूरस्थ नीमच तक के मरीजों के कल्चर जांच के लिए भोपाल भेजे जाते हैं। ऐसा होने से जांच रिपोर्ट भोपाल से आने के बाद ही मरीज का सही उपचार संभव हो पा रहा है। उज्जैन में स्थापित होने पर जल्द से जल्द टेस्ट हो जाएगा ओर रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी।
फरवरी 24 तक इसे पूरा करना है। मार्च 24 में यह लैब अपना काम शुरू कर देगी। ऐसा होने पर संभाग के सभी टीबी के मरीजों के कल्चर की जांच भोपाल भेजना बंद कर देंगे। उज्जैन में ही जांच होकर रिपोर्ट ई-मेल कर दी जाएगी। मरीजों का उपचार जल्दी संभव होगा।
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