जिलाबदर बदमाश वारदात करते रहे पुलिस सोती रही, जब खबर छपी तब दर्ज की दो एफआईआर

Dec 8, 2024 - 14:00
Dec 8, 2024 - 14:01
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जिलाबदर बदमाश वारदात करते रहे पुलिस सोती रही, जब खबर छपी तब दर्ज की दो एफआईआर

गुना (आरएनआई) मध्यप्रदेश पुलिस के नए मुखिया कैलाश मकवाना एक ओर तो थाना स्तर पर जनसुनवाई की व्यवस्था बनाने के निर्देश दे रहे हैं इसी तरह गुना जिले में भी अपराध नियंत्रण के बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर थाना स्तर का असल हाल सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत हुई दो वारदातों और उन्हें लेकर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही से समझा जा सकता है।

दो आदतन बदमाशों ने आधी रात को उत्पात मचाते हुए दो अलग अलग इलाकों में महंगे वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस रिकॉर्ड में ये आरोपी पहले से ही जिलाबदर हैं। पीड़ित पक्ष एफआईआर दर्ज कराने सिटी कोतवाली पहुंचे भी, लेकिन पुलिस ने दोनों ही मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं की सिर्फ एनसीआर दर्ज की। बाद में जब मामले खबरों में छाए तब आनन फानन में जिलाबदर बदमाशों पर दो एफआईआर दर्ज करना पड़ी।

इस प्रकार हैं दोनों मामले

4-5 दिसंबर की दरम्यानी रात सिटी कोतवाली क्षेत्र में आदतन बदमाशों ने उत्पात मचाया। पहली वारदात न्यू सिटी कॉलोनी में हुई। यहां रहने वाले पुलिस के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर जगदीश गौड़ की स्कॉर्पियो कार क्रमांक MP08ZL3592 में बदमाशों ने तोड़फोड़ कर दी और भाग गए। इस तोड़फोड़ से भी वाहन में हजारों रुपए का नुकसान हुआ। दूसरी वारदात इसी रात को बलवंत नगर में हुई। यहां रहने वाले दिव्यांशु शर्मा की टाटा हैरियर कार क्रमांक MP31ZB8055 में बदमाशों ने तोड़फोड़ कर दी और भाग गए। इस तोड़फोड़ में भी गाड़ी में हजारों रुपए का नुकसान हुआ।

पुलिस ने नहीं लिखी थी एफआईआर

इन दोनों वारदातों के पीड़ित पक्षकार जब वारदात की रिपोर्ट लिखवाने सिटी कोतवाली थाने पहुंचे तो वहां मौजूद स्टाफ ने एफआईआर दर्ज नहीं की बल्कि टालने की कोशिश की। पीड़ित दिव्यांशु के मुताबिक उससे कहा गया कि आवेदन लिख लाओ। जबकि मेरी गाड़ी में तीन आरोपियों ने काफी नुकसान पहुंचाया था उनमें से दो मंजीत रघुवंशी और कुलदीप रावत को मैने सीसीटीवी कैमरे में पहचान लिया था इसलिए मैंने एफआईआर दर्ज करने का निवेदन किया था। लेकिन पुलिस ने दिसंबर एंडिंग होने की बात कहते हुए एफआईआर दर्ज नहीं की दो आरोपियों के विरुद्ध एनसीआर क्रमांक 410/24 दर्ज की। इसी तरह पीड़ित जगदीश गौड़ की रिपोर्ट पर आरोपी मंजीत रघुवंशी के विरूद्द भी एनसीआर क्रमांक 408/24 दर्ज की गई। जबकि जगदीश गौड़ पुलिस महकमे से ही रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर हैं।

जिलाबदर बदमाश हैं मंजीत और कुलदीप

इन वारदातों को अंजाम देने वाले दोनों बदमाश पुलिस रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर हैं। आरोपी मंजीत सिंह रघुवशी पुत्र हरीसिंह रघुवशी उम्र 21 साल निवासी गुलाबगंज थाना केंट गुना को कलेक्टर ने 1 अप्रैल 2024 को और आरोपी कुलदीप रावत पुत्र हरिकिशन रावत उम्र 22 साल निवासी गुलावगंज केंट गुना को 25 जून 2024 को जिलाबदर किया था। इसके बाद भी आरोपियों ने गुना में रहकर वारदात को अंजाम दे दिया। हैरानी ये यह है कि सिटी कोतवाली पुलिस ने इन नामचीन बदमाशों द्वारा की गई वारदातों को न केवल हल्के में लिया बल्कि एनसीआर दर्ज करते समय इन दोनों आरोपियों पर जिलाबदर आदेश के उल्लंघन के मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया।

खबरें बनी तब खुली पुलिस की नींद

सिटी कोतवाली पुलिस की नींद तब खुली जब ये दोनों वारदातों और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए मीडिया में खबरें छप गईं। तब जाकर सिटी कोतवाली पुलिस ने 7 दिसंबर की दोपहर में अपराध क्रमांक 992/24 पर आरोपी मंजीत रघुवंशी के विरुद्ध तथा अपराध क्रमांक 993/24 पर आरोपी मंजीत रघुवंशी और कुलदीप रावत के विरुद्ध मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 14 के तहत दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की हैं। इन दोनों एफआईआर में सिटी कोतवाली में पदस्थ एएसआई प्रदीप कुमार दीक्षित फरियादी बने हैं।

पीड़ित जगदीश गौड़ की रिपोर्ट पर दर्ज एनसीआर हवाला देते हुए आरोपी मंजीत के विरूद लिखी गई एफआईआर क्रमांक 992/24
पीड़ित दिव्यांशु शर्मा की रिपोर्ट पर दर्ज एनसीआर का हवाला देते हुए आरोपी मंजीत और कुलदीप के विरुद्ध दर्ज एफआईआर

ऐसे तो बुलंद होंगे अपराधियों के हौंसले

पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर यह मामला काफी चर्चाओं में है। लोगों का कहना है कि यदि आदतन अपराधियों द्वारा की जाने वाली वारदातों को लेकर इस हद तक लापरवाही बरती जाएगी तो अपराधियों के हौंसले बुलंद होंगे।

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