जानलेवा हो सकती है हीमोफीलिया की समस्या
हीमोफीलिया एक दुर्लभ विकार है जिसमें शरीर में ब्लड क्लॉटिंग ही नहीं हो पाती है क्योंकि ऐसे रोगियों में रक्त का थक्का जमाने वाले प्रोटीन की कमी हो जाती है। जिन लोगों को हीमोफीलिया है उन्हें अधिक रक्तस्राव का खतरा रहता है। इसके अलावा आंतरिक रक्तस्राव आपके अंगों और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है जिसे जीवन के लिए खतरा माना जाता है।
नई दिल्ली (आरएनआई) शरीर में चोट लगने, कहीं कट जाने पर खून निकलता है, हालांकि कुछ ही समय के भीतर खून निकलना बंद भी हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि हमारा शरीर ऐसी स्थिति में खून का थक्का बना देता है जिससे कि ज्यादा खून न बहने पाए। पर क्या हो अगर किसी के शरीर में खून का थक्का ही न बने? ऐसी स्थिति में छोटे से कट से भी भारी मात्रा में खून बह सकता है जिससे शरीर पर कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इस स्थिति को हीमोफीलिया कहा जाता है।
हीमोफीलिया एक दुर्लभ विकार है जिसमें शरीर में ब्लड क्लॉटिंग ही नहीं हो पाती है क्योंकि ऐसे रोगियों में रक्त का थक्का जमाने वाले प्रोटीन की कमी हो जाती है। जिन लोगों को हीमोफीलिया है उन्हें अधिक रक्तस्राव का खतरा रहता है। इसके अलावा आंतरिक रक्तस्राव आपके अंगों और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है जिसे जीवन के लिए खतरा माना जाता है।
हीमोफीलिया की समस्या के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से और रक्तस्राव विकारों से प्रभावित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले फ्रैंक श्नाबेल की याद में हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है।
हीमोफीलिया के लगभग सभी मामले आनुवंशिक विकार वाले होते हैं।
जब किसी व्यक्ति को रक्तस्राव होता है, तो शरीर आमतौर पर रक्तस्राव को रोकने के लिए रक्त कोशिकाओं को इकट्ठा करके थक्का बनाता है। हीमोफीलिया तब होती है जब क्लॉटिंग फैक्टर का स्तर कम हो जाता है या फिर रक्त के थक्के बिल्कुल भी नहीं बन पाते हैं। यदि किसी व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को इस तरह की समस्या रही है तो दूसरे लोगों को भी इसका खतरा हो सकता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में हीमोफीलिया की समस्या अधिक देखी जाती रही है।
हीमोफीलिया के लक्षण थक्के जमने के कारकों के आधार पर अलग-अलग होते हैं। आपको बिना किसी कारण के रक्तस्राव होता है या फिर थोड़े से कट के बाद अधिक रक्त निकल जाता है और सामान्य तरीकों से ये कंट्रोल नहीं हो पाता है तो इसे हीमोफीलिया का संकेत माना जा सकता है।
कटने या चोट लगने पर अत्यधिक रक्तस्राव होना, टीकाकरण या इंजेक्शन से भी असामान्य रूप से खून निकलने की समस्या, मूत्र या मल में रक्त आना, नाक से खून आना इस बात का संकेत है कि आपको हीमोफीलिया हो सकती है।
जिन लोगों में हीमोफीलिया की निदान होता है उन्हें उपचार में नस में एक ट्यूब के माध्यम से क्लॉटिंग बनाने वाले प्रोटीन दिए जाते हैं। कुछ प्रकार की दवाओं के माध्यम से भी रक्त के थक्के को बनने को बढ़ावा दिया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ऐसे लोगों को चोट या किसी प्रकार के कट से बचाव को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। कुछ स्थितियों में गंभीर रक्तस्राव जानलेवा भी हो सकती है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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