जम्मू-कश्मीर सरकार को 334 न्यायिक पद सृजन मामले में झटका; हाईकोर्ट ऑर्डर बाध्यकारी

पीठ ने कहा, हमें वर्तमान विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर विचार करने का कोई कारण नहीं दिखता। लिहाजा इसे खारिज किया जाता है। अंतरिम आदेश में की गई टिप्पणियों को अस्थायी बनाया गया है, जो लंबित कार्यवाही में पारित अंतिम आदेश के अधीन होगा। 

Jan 17, 2025 - 08:00
 0  540
जम्मू-कश्मीर सरकार को 334 न्यायिक पद सृजन मामले में झटका; हाईकोर्ट ऑर्डर बाध्यकारी

नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार की जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया जिसमें हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर अथॉरिटी को 60 दिनों के भीतर 334 न्यायिक पद सृजित करने का निर्देश दिया था। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने आदेश पारित करते हुए यह पाया कि इस मामले में मुख्य आदेश अब भी हाईकोर्ट के सामने लंबित है और जो आदेश दिया गया है वह एक अंतरिम आदेश में अंतर्निहित है। 

पीठ ने कहा, हमें वर्तमान विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर विचार करने का कोई कारण नहीं दिखता। लिहाजा इसे खारिज किया जाता है। हालांकि, अंतरिम आदेश में की गई टिप्पणियों को अस्थायी बनाया गया है, जो लंबित कार्यवाही में पारित अंतिम आदेश के अधीन होगा। 

जस्टिस भट्टी ने क्लर्कों पर पड़ रहे बोझ पर जोर दिया और कहा कि जम्मू-कश्मीर ने खुद ही अपने तर्कों के कारण हाईकोर्ट की टिप्पणियों को आमंत्रित किया। जवाब में एएसजी ने शिकायत उठाई कि ऐसे मामलों को न्यायिक नहीं बल्कि प्रशासनिक पक्ष से निपटाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यदि न्यायिक पक्ष कहता है कि हम जो कहते हैं वह बाध्यकारी है तो हम कुछ भी आगे नहीं बढ़ा सकते। उन्होंने बताया कि 156 पद पहले ही बनाए जा चुके हैं। हाईकोर्ट की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए नटराज ने कहा, सरकार इन टिप्पणियों के साथ नहीं चल सकती।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट 2017 में दायर एक रिट याचिका की सुनवाई कर रहा है, जिसमें मूल रूप से हाईकोर्ट के कर्मचारियों के लिए मौद्रिक लाभ की मांग की गई है। समय के साथ यह मामला न्यायपालिका की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत के बारे में एक व्यापक चर्चा में बदल गया। 

हाईकोर्ट ने विभिन्न श्रेणियों में 334 पदों के सृजन के लिए 2014 की सिफारिश का हवाला देते हुए नए पदों के सृजन के महत्व पर जोर दिया। लगातार याद दिलाने के बावजूद, यूटी प्रशासन ने 2023 में केवल 24 पदों को मंजूरी दी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पद सृजन से संबंधित हाईकोर्ट या चीफ जस्टिस की सिफारिशें सरकार के लिए बाध्यकारी हैं।

Follow  RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0
RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.