जन-जन को असाध्य रोगों के निवारण व स्वस्थ्य जीवन प्रदान करने हेतु कृत संकल्पित है केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन (आरएनआई) केशव नगर स्थित केशव धाम के अंतर्गत केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान जन-जन को असाध्य रोगों के निवारण व स्वस्थ्य जीवन प्रदान करने हेतु कृत संकल्पित है।यहां पर सुयोग्य चिकित्सकों द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से उपचार करके असंख्य लोगों की जीवनी शक्ति, शारीरिक स्वास्थ्य व मानसिक स्वास्थ्य को सबल बनाया जा रहा है।यहां पर महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग उपचार गृह, रोगानुसार प्राकृतिक भोजन, मिट्टी चिकित्सा, जल चिकित्सा, यौगिक षटकर्म, योगासन व प्राणायाम, सूर्य किरण चिकित्सा, रोगानुसार वैज्ञानिक मालिश आदि की न्यूनतम मूल्य पर उचित व्यवस्था है।इस संस्थान में दैनिक उपचार के अलावा समय-समय पर साप्ताहिक आवासीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर भी लगाए जाते हैं।जिनसे दूर-दराज के तमाम लोग लाभान्वित होते हैं।साथ ही यहां पर आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा की भी व्यवस्था है।
केशव प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कैलाश द्विवेदी एक लब्ध-प्रतिष्ठ, सुयोग्य प्राकृतिक चिकित्सक हैं।प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में उन्हें दीर्घ व व्यापक अनुभव है।उन्होंने अब तक तमाम असाध्य रोगियों को अपनी चिकित्सा के द्वारा स्वस्थ्य किया है।वे अब तक अपने देश के कई प्रख्यात प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों पर अपनी अविस्मरणीय सेवाएं प्रदान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ के द्वारा इनको इनकी पुस्तक "प्राकृतिक चिकित्सा के सरल उपचार" पर सन 2017 में "डॉ. सतीश चन्द्र रॉय सर्जना पुरुस्कार" भी प्राप्त हो चुका है।इसके अलावा ये सन 2016 में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा भी सम्मानित हो चुके हैं।आपको सन 2017 में "ग्लोबल टच इंटरनेशनल" द्वारा "योग रत्न अवार्ड" भी प्राप्त हो चुका है।साथ ही आप उत्तर प्रदेश के पूर्व महामहिम राज्यपाल राम नाईक के द्वारा भी सम्मानित हो चुके हैं।
डॉ. कैलाश द्विवेदी के निर्देशन में प्राकृतिक चिकित्सा पर केन्द्रित पत्रिका "केशव प्रभा" अर्द्धवार्षिक का भी प्रकाशन हो रहा है।आपके स्वास्थ्य संबंधी लेख विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रायः प्रकाशित होते रहते हैं।साथ ही आपकी वार्ताएं आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों से प्रसारित होती रहती हैं।
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