जज साहब बोले- हमें तो यह भी पता नहीं वन विभाग का काम क्या है? कुछ करता भी है कि नहीं
समाधान आपके द्वार कार्यक्रम की बैठक में जताई नाराजगी
गुना। सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली से आम जनता ऐसे ही त्रस्त नहीं है। कभी मनमानी, कभी अनदेखी की वजह से आमजन की परेशानी का सबब बने वन विभाग के अधिकारियों को जिला न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राकेश कुमार शर्मा की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा।
मौका था समाधान आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर बुलाई गई संयुक्त बैठक का। जिसमें वन विभाग के अलावा पुलिस, राजस्व और बिजली कम्पनी के अधिकारियों सहित पत्रकार भी शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा शुरु किए गए समाधान आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोगों को त्वरित न्याय दिलाने की रणनीति बनाना और कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार करना था। लेकिन जैसे ही जिला न्यायाधीश वन विभाग के अधिकारियों से मुखातिब हुए, उन्होंने विभाग की ओर संवाद में कमी जैसी खामियों को उजागर करते हुए भविष्य में कार्यप्रणाली सुधारने की हिदायत भी दे दी। दरअसल, जिला न्यायाधीश वन विभाग के लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द सुलझाने और लोगों को सस्ते व सुलभ न्याय से संबंधित कार्यक्रम का ब्यौरा दे रहे थे। तभी बैठक में शामिल हुए विभाग के गिने-चुने अधिकारियों की मौजूदगी को देखकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। श्री शर्मा ने कहा कि वन विभाग की कार्यप्रणाली से कलेक्टर भी हाथ जोड़ते हैं। वे कहते हैं कि हम उनकी गारंटी नहीं ले सकते हैं। फोरेस्ट के परफोरमेन्स से जिला जज इतने खफा थे कि उन्हें कहना पड़ा कि 'हमें तो यह भी पता नहीं कि विभाग का काम क्या है? कुछ करता भी है कि नहीं।Ó बैठक में श्री शर्मा ने पुलिस विभाग और बिजली विभाग से भी पेंडेन्सी निबटाने और प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने की बात कही।
वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और जिला न्यायाधीश ने कहाकि इस विभाग के डीएफओ हों या फिर एसडीओ, कोई भी फोन नहीं उठाता। क्या समाज में घुलना-मिलना नहीं चाहिए? इस पर विभाग के अधिकारियों ने अपने वरिष्ठों का बचाव करते हुए कहाकि हम लोग ज्यादातर टूर पर रहते हैं। न्यायाधीश श्री शर्मा ने पूछा- कि फिर नेटवर्क कैसे मिलता है? घंटी कैसे चली जाती है? अधिकारी बोले कि हम सर (वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों) को बताएंगे। न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर करते कहाकि सर भी फोन नहीं उठाते हैं। सबके सामने बोल रहे हैं कि आपके यहां तो रिजल्ट जीरो है। श्री शर्मा ने कहाकि वन विभाग को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट के न्यायाधीश माननीय रोहित आर्या सीसीएफ को अवगत करा चुके हैं। हमने भी हाईकोर्ट कहा है कि वे (वन विभाग के अधिकारी) फोन नहीं उठाते हैं।
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