जंगल की लकड़ी से तेंदूखेड़ा परिक्षेत्र में लग रहे ईंट भट्ठे

तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र अधिकारी सृष्टि जैन का कहना है कि सैलवाड़ा में अवैध ईंट भट्टे की सूचना पर जब मौके पर पहुंची, वहां ईंट भट्टे में अवैध रूप से लकड़ी लगी थी। जो लगभग दो फड़ी थी, उसकी जब्ति बनाई गई है।

Jun 15, 2024 - 15:35
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जंगल की लकड़ी से तेंदूखेड़ा परिक्षेत्र में लग रहे ईंट भट्ठे

दमोह (आरएनआई) दमोह जिले के तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र में जंगल की लकड़ी काटकर अवैध ईंट भट्टे संचालित किए जा रहे हैं। इसमें वीटगार्ड और डिप्टी रेंजर की सहमति रहती है। अब तो इनका सत्यापन किए बिना भट्ठों में कोयले का उपयोग होना बता दिया जाता है। इसकी सच्चाई उस समय सामने आ गई, जब ग्रामीणों ने एक ईंट भट्टे की जानकारी वीटगार्ड और डिप्टी रेंजर को न देकर सीधे रेंजर को दे दी। जब वह मौके पर पहुंची तो वहां अवैध लकड़ी ईंट भट्टे में लगी मिल गई, जिसके कोई दस्तावेज नहीं मिले और इस लकड़ी को जब्त किया गया।

यहां लगे ईंट भट्ठे सैलवाड़ा सर्किल के अलावा तेंदूखेड़ा सर्किल की वीट रामादेही और अमवाही में ईंट भट्ठे लगे हुए हैं। इन भट्ठों में जंगल की लकड़ी लगाई जा रही है। जब वीट में पदस्थ वीटगार्ड से बात की तो वह अपनी जिम्मेदारी को छिपाते हुए कह रहे हैं, भट्ठे जिस जगह लगे हैं, वह तेंदूखेड़ा वीट नहीं, बल्कि बगदरी बीट है। जबकि बगदरी बीटगार्ड कहना है कि ईंट भट्टे लगाने वाली जगह तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र का हिस्सा है।

दो वीटों के बीच मामला फंसा हुआ है। हकीकत क्या है और यदि जब भट्ठे लग रहे हैं तो उनको पकाने में किस चीज का उपयोग किया जा रहा है, इसकी भी तेंदूखेड़ा वीटगार्ड जानकारी देने तैयार नहीं है। उनका कहना है, हमारे डिप्टी रेंजर जानकारी देंगे।

तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र के चारों और ईंट-भट्ठे का कार्य जोरों से चलता है। ईंट निर्माण करने वाले औपचारिकता के लिए कोयला या लकड़ी की खरीदी करते हैं, जो आखिरी तक रखी रहती है। बाकी निर्माण होने वाली ईंट और पकने वाली ईंट में जंगल की अवैध लकड़ी लगाई जाती है। ईंट भट्टा संचालकों की निचले अमले से पूरी साठगाठ होती है। सैलवाड़ा में इसका उदारहण देखने भी मिला। जब सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची तेंदूखेड़ा रेंजर ने ईंट-भट्ठे में लगी लकड़ी को जब्त किया और भट्टा संचालक पर अपने सामने ही कार्रवाई की।

तेंदूखेड़ा रेंज में लगने वाले ईंट-भट्ठे यदि कोयले से लगते हैं तो उनका सत्यापन होता है और वनकर्मियों को पूरी जानकारी होती है। लेकिन रामादेही और अमवाही में लगे भट्ठे को वीटगार्ड संदीप गर्ग बगदरी वीट के बता रहे हैं। वहीं, बगदरी वीटगार्ड कह रहे है कि ईंट-भट्ठे जिस जगह लगे हैं, वह तेंदूखेड़ा वीट का क्षेत्र है। पूरे मामले को लेकर तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र अधिकारी सृष्टि जैन का कहना है कि सैलवाड़ा में अवैध ईंट-भट्ठे की सूचना पर जब मौके पर पहुंची। वहां ईंट-भट्ठे में अवैध रूप से लकड़ी लगी थी, जो लगभग दो फड़ी थी। उसकी जब्ति बनाई गई है। अवैध लकड़ी की कीमत 15 से 18 हजार रुपये है। यदि रामादेही, अमवाही में लगे भट्ठे की जानकारी मेरे पास आई है तो कार्रवाई की जाएगी।

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