चुनाव से पहले बीजेपी को एक और झटका, आज पूर्व विधायक थामेंगे कांग्रेस का हाथ, सियासी हलचल तेज
भोपाल। (आरएनआई) मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले दल बदल का सिलसिला जारी है। कभी कांग्रेस बीजेपी के खेमें में सेंध लगा रही है तो कभी बीजेपी कांग्रेस की घेराबंदी कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस आज रविवार को एक बार फिर बीजेपी को होशंगाबाद से एक और बड़ा झटका देने जा रही है। भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के करीब 9 दिन बाद आज 10 सितंबर को पूर्व विधायक पंडित गिरजाशंकर शर्मा कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे है।
कमलनाथ दिलाएंगे कांग्रेस की सदस्यता
गिरजाशंकर शर्मा अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय भोपाल पहुंच गए है और अब पीसीसी चीफ एवं पूर्व सीएम कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस की सदस्य ग्रहण करेंगे। खबर है कि उनके साथ उनसे जुड़े कुछ भाजपा के पदाधिकारी, वर्तमान पार्षद, पूर्व पार्षद, जिला पंचायत, जनपद पंचायत सदस्यों के कांग्रेस की सदस्यता ले सकते है। पूर्व विधायक के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।शर्मा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वर्तमान विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के बड़े भाई हैं।
कांग्रेस को मिलेगी मजबूती, बीजेपी पर पड़ेगा असर
बता दे कि गिरजाशंकर शर्मा दो बार विधायक,दो बार भाजपा के जिला अध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं, शर्मा की नर्मदापुरम में अच्छी खासी पकड़ है, ऐसे मेंजनसंघ के समय से पार्टी का झंडा लेकर चलने वाले पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा द्वारा भाजपा छोड़ने से भाजपा को नुकसान होना तय माना जा सकता हैं।इससे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अब ज्यादा मजबूती मिलेगी, वही बीजेपी के वोटों पर असर पड़ सकता है। इससे पहले शिवपुरी जिले की कोलारस सीट से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी से इस्तीफा दिया था और वे समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
इस्तीफे के बाद लगाए थे बीजेपी पर उपेक्षा के आरोप
गौरतलब है कि बीते दिनों नर्मदापुरम (होशंगाबाद) के पूर्व विधायक, वरिष्ठ नेता गिरिजाशंकर ने बीजेपी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और आरोप लगाए थे कि बीते 10 साल से अधिक समय से पार्टी उनकी उपेक्षा कर रही है। संगठन में नए लोग आ गए हैं यह नए लोग पुराने लोगों को लगातार दरकिनार कर रहे हैं पुराने नेताओं की पूछपरख नहीं की जा रही है। कई बार लगता है कि संगठन से बातचीत की जाये लेकिन संगठन में भी कोई सुनने वाला नहीं है।विधानसभा चुनाव से 2 महीने पहले शर्मा के बीजेपी छोड कांग्रेस में जाने से होशंगाबाद की राजनीति के समीकरण प्रभावित होंगे, क्योंकि शर्मा परिवार का होशंगाबाद की राजनीति में खासा दखल है।
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