चुनाव में ही बिगड़ते हैं पित्रोदा के बोल, पहले 'हुआ तो हुआ', अब विरासत कर और चमड़ी के रंग पर घिरे
लोकसभा चुनाव में पित्रोदा का बयान आने पर कांग्रेस पार्टी ने अपने राजनेताओं के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। इसमें नेताओं की जुबान पर लगाम कसने के लिए कई बातें कही गई थीं। किस नेता को कब और कौन सा बयान देना है, यह सब एडवाइजरी का हिस्सा था।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस पार्टी के नेता सैम पित्रोदा का बयान, अब एक बार फिर से पार्टी के गले की फांस बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पित्रोदा के बयान को 'चमड़ी के रंग' और 'नस्लीय टिप्पणी' से जोड़ दिया है। पित्रोदा ने भारत की विविधता पर बात करते हुए कहा, भारत में पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, तो दक्षिण में लोग अफ्रीकी लगते हैं। पश्चिम भारत के लोग अरबी जैसे लगते हैं। उत्तर भारतीय गोरे होते हैं। उनके इस बयान को भाजपा ने 'नस्लीय टिप्पणी' बताया है। खास बात है कि लोकसभा चुनाव के दौरान ही 'पित्रोदा' के बोल बिगड़ते हैं। इससे पहले उन्होंने 'विरासत कर' पर विवादित बयान दिया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में पित्रोदा ने कहा था, अब क्या है '1984' का। आपने (नरेंद्र मोदी) पांच साल में क्या किया, अब उसकी बात करिए। 1984 में जो हुआ, वो हुआ। पित्रोदा ने तब 1984 के दंगों को लेकर बयान दिया था। उसके बाद पीएम मोदी से लेकर निचले स्तर तक भाजपा कार्यकर्ता ने उस बयान को 'हुआ तो हुआ' नाम से लोगों के बीच पहुंचा दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को घेरा है। बुधवार को तेलंगाना के करीमनगर में आयोजित एक जनसभा में मोदी ने कहा, कांग्रेस के लोग मैग्नीफाइंग ग्लास लेकर अपनी सीटें खोज रहे हैं। आज मैं बहुत गुस्से में हूं। राहुल पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, शहजादे के एक अंकल ने आज ऐसी गाली दी है, जिसने मुझे गुस्से में भर दिया है। संविधान सिर पर रखने वाले लोग, देश की चमड़ी का अपमान कर रहे हैं। जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, क्या ये सब अफ्रीका के हैं। मेरे देश के लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर इन्होंने गाली दी है। अरे चमड़ी का रंग कोई भी हो, हम तो श्रीकृष्ण की पूजा करने वाले लोग हैं। शहजादे आपको जवाब देना होगा। चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का यह अपमान, देश सहन नहीं करेगा। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ये पप्पू के प्रॉक्सी प्रोफेसर हैं। इनके इसी ज्ञान से कांग्रेस, अब देश की पार्टी से मोहल्ले की पार्टी बनकर रह गई है।
ऐसा नहीं है कि लोकसभा चुनाव में पहली बार उनके 'बोल बिगड़े' हैं। इससे पहले भी उनके 'बिगड़े बोल' ने कांग्रेस पार्टी की चुनावी राह को मुश्किल बनाया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बीच, हरियाणा और पंजाब में वोट पड़ने थे, लेकिन उससे पहले सैम पित्रोदा ने एक ऐसा बयान दे दिया था, जिसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर खूब हमला किया। पित्रोदा ने चुनाव के बीच कहा था कि अब क्या है '1984' का। आपने (नरेंद्र मोदी) पांच साल में क्या किया, अब उसकी बात करिए। 1984 में जो हुआ, वो हुआ। पित्रोदा ने यहां पर 1984 के दंगों को लेकर बयान दिया था। भाजपा में पीएम मोदी से लेकर निचले स्तर तक के कार्यकर्ता ने उस बयान को 'हुआ तो हुआ' नाम से लोगों के बीच पहुंचाया था।
पित्रोदा ने पिछले दिनों कहा था, अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है। अगर वो व्यक्ति मर जाता है, तो उसमें से केवल 45 फीसदी संपत्ति ही उसके बच्चों को ट्रांसफर होगी। बाकी राज्य के पास चली जाएगी। इस बयान पर भाजपा ने कांग्रेस पार्टी को घेरा था। जब यह मामला तूल पकड़ने लगा तो सैम पित्रोदा ने 'एक्स' पर सफाई दी। उन्होंने लिखा, मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में केवल एक उदाहरण के तौर पर अमेरिका में अमेरिकी 'विरासत टैक्स' का उल्लेख किया था। मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी। इसका कांग्रेस समेत किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने भी पित्रोद के बयान से खुद को अलग कर लिया है। इससे पहले भी पित्रोदा ने जब ऐसे बयान दिए हैं, पार्टी उनसे किनारा करती रही है।
लोकसभा चुनाव में पित्रोदा का बयान आने पर कांग्रेस पार्टी ने अपने राजनेताओं के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। इसमें नेताओं की जुबान पर लगाम कसने के लिए कई बातें कही गई थीं। किस नेता को कब और कौन सा बयान देना है, यह सब एडवाइजरी का हिस्सा था। अगर कोई नेता किसी मुद्दे पर अपनी राय रखना चाहता है तो उसे पहले पार्टी की मीडिया इकाई या किसी दूसरे वरिष्ठ नेता को बताना होगा। पित्रोदा के बयान के सियासी नुकसान को भांपते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा ने 1984 दंगों पर जो बयान दिया है, वह पार्टी का बयान नहीं है। उनके इस बयान को भुनाने में भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की एक रैली में कहा, कांग्रेस पार्टी आजकल न्याय की बात करने लगी है। इस पार्टी को 1984 के दंगों का हिसाब देना होगा। कांग्रेस पार्टी नेता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने तब कहा था, अगर कोई भी व्यक्ति इस तरह का गलत और किसी समुदाय को दुख पहुंचाने वाला बयान देता है तो उसे पार्टी का बयान नहीं माना जाएगा। कांग्रेस पार्टी, पित्रोदा के बयान से इत्तेफाक नहीं रखती। भविष्य में इस तरह का कोई बयान पार्टी की ओर से न आए, इसके लिए एक एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान पर खुद पीएम ने अपनी रैलियों में कहा, जनता का पैसा, घुसपैठियों को दिया जाएगा। जिनके अधिक बच्चे हैं, उनमें आप लोगों की संपत्ति बांटी जाएगी। कांग्रेस नेता, जयराम रमेश ने कहा था, सैम पित्रोदा मेरे सहित दुनिया भर में कई लोगों के गुरु, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक रहे हैं। उन्होंने भारत के विकास में असंख्य, स्थायी योगदान दिया है। वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। सैम पित्रोदा उन मुद्दों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं, जिनके बारे में वे दृढ़ता से महसूस करते हैं। वे लोकतंत्र में अपने व्यक्तिगत विचारों पर चर्चा करने, व्यक्त करने और बहस करने के लिए स्वतंत्र है। इसका मतलब यह नहीं है कि सैम पित्रोदा के विचार, हमेशा ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं। भाजपा उनके बयान पर कोशिश कर रही है कि उसे सनसनीखेज कैसे बनाया जाए।
कांग्रेस पार्टी की राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले रशीद किदवई कहते हैं, चुनाव के दौरान इस तरह के बयान, पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। नेताओं को सोच समझकर बयान देना चाहिए। चुनाव में विरोधी दल, ऐसे बयानों की ताक में रहता है। आजकल मुद्दों की राजनीति करने का दौर नहीं है। सियासत में जो कोई बयान, जिस पार्टी को ठीक लगता है, वह उसे उठा लेता है। ऐसे में नेताओं को कोई बात या विचार रखते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?