चीन की चांद पर पहुंचने की उम्मीदों को लगा झटका
चीन के लिए ये मिशन बेहद खास था। पहला और दूसरा चरण ठीक रहने के बाद तीसरे चरण में दोनों उपग्रहों से नियंत्रण छूट गया। इस तरह मिशन कामयाब नहीं सका।
बीजिंग (आरएनआई) चीन द्वारा चंद्रमा पर भेजी गई उपग्रहों की जोड़ी अपनी निर्धारित कक्षा तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाई। चंद्रमा पर पहुंचने की चीन की उम्मीदों के लिए ये एक बड़ा झटका है। बता दें कि कि बुद्धवार शाम को जिचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से डीआरओ-ए और डीआरओ-बी नाम के उपग्रहों को चंद्रमा पर भेजा गया था। लॉन्च होने के बाद पहला और दूसरा चरण सामान्य रूप से संचालित हुआ। इसके बाद के चरण में उड़ान के दौरान दोनों ही उपग्रहों से नियंत्रण छूटने लगा। इस वजह से दोनों उपग्रह पूर्व निर्धारित कक्षा में सही तरीके से प्रवेश करने में विफल रहे। चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया है कि इसकी वजहों को तलाशा जा रहा है।
हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि चीन के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की योजना थी कि इन दोनों उपग्रहों को चंद्रमा की प्रतिगामी कक्षा में प्रवेश कराया जाए। वहां से दोनों साथ में उड़ान भरते और तीसरे उपग्रह डीआरओ-एल के साथ काम करते। डीआरओ-एल को फरवरी महीने में पृथ्वी और चंद्रमा के बीच लेजर-आधारित नेविगेशन प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करने के लिए जिलॉन्ग 3 रॉकेट द्वारा पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया था। डीआरओ चंद्रमा की सतह से हजारों किलोमीटर ऊंचाई पर है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह अत्यधिक स्थिर है, जो अंतरिक्ष यान को ईंधन का उपयोग किए बिना लंबे समय तक ट्रैक पर रहने की अनुमति देता है। चीनी वैज्ञानिकों की मानें तो अनुसंधान और अन्वेषण के लिए यह काफी फायदेमंद हो सकता ।
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