घटयात्रा के साथ शुरू हुआ कल्पदु्रम महामंडल विधान, समवशरण ऐसा की देखते ही आँखें हो जाएंगी तृप्त
गुना, (आरएनआई) शहर में चातुमार्सरत मुनिश्री आगम सागरजी, मुनिश्री पुनीत सागरजी महाराज के सानिध्य कल्पदु्रम महामंडल विधान का शुभारंभ शनिवार को 108 श्रीजी की प्रतिमाओं के साथ निकली भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ। इस मौके पर विधानाचार्य संजीव भैया कटंगी के निर्देशन प्रात: 7 बजे भव्य शोभायात्रा श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर से आरंभ हुई। इसमें शुद्ध धोती-दुपट्टे में श्रद्धालु श्रीजी की 108 प्रतिमाओं को मस्तक पर लेकर निकले। वहीं माता जिनवाणी की भी भव्य पालकी निकाली गई। घटयात्रा में महिलाएँ कलश लेकर चली। उक्त शोभायात्रा जुलूस शहर के पंडाजी चौराहा, नईसडक़, बोहरा मस्जिद चौराहा, ख्यावदा चौराहा होते हुए गौशाला स्थित विधान स्थल पहुंची। यहां जल से मंडप शुद्धि आदि की मांगलिक क्रियाएं सम्पन्न हुई। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर तक चलने वाले इस विधान में 27 समवशरण मंडल की भव्य रचना की गई है। प्रत्येक समवशण मंडल में चारों दिशाओं में एक-एक श्रीजी की प्रतिमाएं विराजमान की गई है। इस तरह पूरे विधान परिसर में 108 जिन प्रतिमाओं को विराजमान किया गया है। यहां प्रत्येक समावरण की इतनी सुंदर सजावट की गई है कि पूरा परिसर ही दिव्यलोक लग रहा है।
शनिवार को निकली कलश यात्रा में चक्रवती और सौधर्म इंद्र जिन प्रतिमाओं को लेकर आगे चल रहे थे। वहीं पीछे इंद्र इंद्राणी श्वेत, केशरिया वस्त्रों में पीछे चल रहे थे वह भक्ति गीत गा रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर श्रीजी को विराजमान कर अभिषेक पूजन किया गया। इसके उपरांत मुनिसंघ के मुखारबिंद से मंत्रोच्चारण कर शांतिधारा संपन्न हुई। वहीं धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री ने कहा कि धनवान नहीं धर्मात्मा होना आवश्यक हैं। वहीं विधान में प्रथम दिवस की महाआरती करने का सौभाग्य सुनील कुमार, सौरभ कुमार, सुमित कुमार जैन दर्जी मोहल्ला केंट वालों को प्राप्त हुआ। शाम को उनके निजनिवास से महाआरती का भव्य जुलूस गाजे-बाजे के साथ विधान स्थल पहुंचा।
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