गौतम अडानी भरेंगे सरकार की झोली! केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट में रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा देने को तैयार
उत्तराखंड में बाबा केदारनाथ की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब उनके पास रोपवे से भी जाने का विकल्प होगा। केंद्र सरकार ने हाल में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसे पीपीपी मोड में बनाया जाएगा। भारत और एशिया के दूसरे बड़े रईस गौतम अडानी ने भी इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है।

नई दिल्ली (आरएनआई) केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में वह 8-9 घंटे का सफर सिर्फ कुछ ही मिनटों में पूरा कर पाएंगे। सरकार को भी सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ को जोड़ने वाली रोपवे परियोजना से बिना किसी निवेश के अच्छी कमाई होगी। इस प्रोजेक्ट में अडानी एंटरप्राइजेज ने भी दिलचस्पी दिखाई है। कंपनी ने नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) के साथ रेवेन्यू में लगभग 42% हिस्सेदारी देने की बात कही है। NHLML पूरे देश में ऐसी परियोजनाओं को लागू करने वाली एजेंसी है। लगभग 13 किलोमीटर का यह रोपवे बनने से यात्रियों का सफर बहुत आसान हो जाएगा। अभी गौरीकुंड से केदारनाथ का पैदल सफर पूरा करने में 8-9 घंटे लगने का समय लगता है। रोपवे से यह सफर में सिर्फ 36 मिनट में पूरा हो सकेगा।
इस प्रोजेक्ट के लिए चार में से तीन बोलीदाताओं ने NHLML के साथ रेवेन्यू साझा करने की पेशकश की है। NHLML पहले दो बार बोलियां रद्द कर दी थीं। फिर कुछ सुधार करने के बाद नई बोलियां मंगाई गईं। हाल ही में कैबिनेट ने 4,081 करोड़ रुपये की इस परियोजना को PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर लागू करने की मंजूरी दी है। इस रोपवे से हर दिन 18,000 लोग सफर कर सकेंगे। यानी साल में लगभग 32 लाख लोग इससे यात्रा कर पाएंगे। केदारनाथ मंदिर आमतौर पर छह महीने के लिए खुलता है। यह प्रोजेक्ट छह साल में पूरा होगा। बोली जीतने वाली कंपनी को 35 साल तक इसे चलाने, रखरखाव करने और किराया वसूलने का अधिकार मिलेगा।
सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे में Tri-cable Detachable Gondola (3S) तकनीक का इस्तेमाल होगा। यानी इसमें तीन तारों पर चलने वाले गोंडोला होंगे, जिन्हें आसानी से अलग किया जा सकता है। हर गोंडोला में 36 यात्री बैठ सकेंगे। पिछले साल लगभग 23 लाख तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ मंदिर के दर्शन किए थे। अधिकारियों ने बताया कि 12.4 किलोमीटर लंबी गोविंदघाट-घांघरिया-हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना के लिए वित्तीय बोलियां अगले हफ्ते खोली जाएंगी। इस प्रोजेक्ट का अनुमानित खर्च लगभग 2,730 करोड़ रुपये है। इससे हर दिन 11,000 यात्री यात्रा कर सकेंगे। रोपवे बनने से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले यात्रियों को बहुत सुविधा होगी। उनका समय बचेगा और यात्रा भी आसान हो जाएगी। सरकार को भी बिना किसी निवेश के अच्छी कमाई होगी।
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