गौडीय संप्रदाय के संवर्धन व उत्थान के लिए समर्पित थे भक्तिकुसुम श्रमण गोस्वामी महाराज : भक्ति किंकर श्रीधर गोस्वामी
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी
वृन्दावन (आरएनआई) राधा निवास क्षेत्र स्थित श्रीभक्तिकुसुम गौडीय मठ में श्रीधर गौडीय गुरुकुल सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रील भक्तिकुसुम श्रमण गोस्वामी महाराज का 37 वां तिरोभाव महोत्सव और गीताजयंती-विद्वत्सभा का 15 वां वार्षिक महोत्सव गौडीय सम्प्रदायाचार्य श्रील भक्ति किंकर श्रीधर गोस्वामी महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।जिसके अंतर्गत श्रीमद्भागवत मूल पारायण, श्रीहरिनाम संकीर्तन के मध्य श्रीधाम वृन्दावन की पंच कोसी परिक्रमा, गीता जयंती प्रतिभा प्रदर्शन प्रतियोगिता, ठाकुरजी की मंगला आरती एवं भजन संध्या आदि के कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए भक्ति सर्वस्व गोविन्द महाराज ने कहा कि श्रीमद्भगवदगीता विश्व का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है।इसका उद्भव स्वयं अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण की जिह्वा से हुआ है।हम लोग यदि इस ग्रंथ को अपने जीवन में धारण करलें, तो देश व समाज की अनेकों बुराइयों का समाधान हो सकता है।
श्रीभक्तिकुसुम गौडीय मठ के अध्यक्ष श्रील भक्ति किंकर श्रीधर गोस्वामी महाराज ने कहा कि हमारे पूज्य सदगुरुदेव श्रील भक्तिकुसुम श्रमण गोस्वामी महाराज गौडीय संप्रदाय की बहुमूल्य विभूति थे।उन्होंने अपना समूचा जीवन गौडीय संप्रदाय के संवर्धन व उत्थान के लिए समर्पित किया।इसके लिए हम उन्हें बारंबार प्रणाम करते हैं।
ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ एवं ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता हमें हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा से परिचित कराती है।इस ग्रंथ से प्राप्त ज्ञान हमारे संदेहों को दूर करता है।साथ ही हमारे आत्मविश्वास का निर्माण करता है।इसीलिए आज गीता जयंती के अवसर पर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से गीता की उद्गम स्थली कुरुक्षेत्र में वृहद स्तर पर गीता जयंती महामहोत्सव मनाया जा रहा है।
तत्पश्चात गीता जयंती प्रतिभा प्रदर्शन प्रतियोगिता में उत्तीर्ण हुए कृष्णा यादव, जगन्नाथ सुपेकर, जितेन कुमार पाल, राधेश्याम भूपाल, कृष्ण शिंदे, गोविन्द महापात्र, गोविन्द बनर्जी, गोपाल बनर्जी, गौरांग दास, अभिनव मिश्रा, प्रिंस मिश्रा, अनिरुद्ध अवस्थी, निर्भय शुक्ला, सचिन मिश्रा, वृषभ गर्ग, प्रिंस पाण्डेय, ज्ञान मिश्रा, कृष्णकान्त त्रिपाठी, श्याम शर्मा, कृष्ण कुमार गौतम एवं अमन तिवारी आदि प्रतिभागी छात्रों को पुरुस्कृत किया गया।साथ ही उन्हें प्रमाण पत्र, स्मृति चिह्न एवं पटुका ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
महोत्सव में भक्ति किंकर नारायण गोस्वामी महाराज, प्रमुख शिक्षाविद् जगदीश नीलम, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, डॉ. सोमकान्त त्रिपाठी, आरआरएस के नृत्यगोपाल दुबे, जयकृष्ण गोस्वामी, राधाचरण प्रभु आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री महाराज ने किया।
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