गैंगस्टर गोल्डी बराड़ पर 10 लाख का इनाम: चंडीगढ़ में कारोबारी के घर पर करवाई थी फायरिंग
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की जानकारी देने वालों के लिए 10 लाख रुपये इनाम की घोषणा की है। इसके अलावा एक अन्य आरोपी पर भी इनाम रखा गया है।
चंडीगढ़ (आरएनआई) चंडीगढ़ के सबसे पॉश व वीवीआईपी सेक्टर-5 में रहने वाले कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ के घर पर गोली चलाने का मामला फिर सुर्खियों में है। अब इस मामले लंबे समय से गैंगस्टर गोल्डी बराड़ व उसके एक अन्य साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों निवासी राजपुरा पंजाब पर एनआईए की जांच टीम ने 10-10 लाख रुपये का इनाम रखा है। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। हालांकि इस गोलीकांड व 3 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में जांच एजेंसी आठ आरोपियों को गिरफ्तार का चुकी है।
कुछ महीने पहले सेक्टर-5 स्थित कारोबारी मक्कड़ ब्रदर्स के घर पर सुबह तड़के फायरिंग की गई थी। उस वक्त कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ अपने घर पर सोए हुए थे। इससे पहले मक्कड़ को विदेशी नंबर से फोन आया था। बात करने वाले ने खुद को गैंगस्टर गोल्डी बराड़ बताते हुए उनसे दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। बाद में उन्हें दोबारा फोन कर आरोपी ने दो के बजाय तीन करोड़ रुपये की डिमांड की थी।
इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के जरिए जांच टीमों ने सबसे पहले मोहाली जिले के मुल्लांपुर के नजदीक गांव करतारपुर निवासी गुरविंद्र सिंह उर्फ लाडी को गिरफ्तार किया, जिसने रिमांड के दौरान कई खुलासे किए। कड़ियां जोड़ते हुए जांच टीमों ने एक-एक कर मामले में कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें लाडी के अलावा शुभम कुमार गिरी उर्फ पंडित, सरबजीत उर्फ शरभू, अमृतपाल उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, काशी सिंह उर्फ हैप्पी, प्रेम सिंह और गगनदीप सिंह उर्फ गोल्डी शामिल हैं। इस मामले की जांच गृह मंत्रालय ने एनआईए को सौंप दी थी जिसके बाद जांच टीम ने सभी गिरफ्तार आरोपियों का कोर्ट से रिमांड लेकर पूछताछ की।
इस मामले में एनआईए की जांच टीम ने कुछ समय पहले सीबीआई कोर्ट के सामने खुलासा किया था कि मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी अमृतपाल और कमलप्रीत गोल्डी बराड़ के पैसों का हिसाब किताब रखते थे। अमृतपाल फोन के जरिए गोल्डी बराड़ के साथ संपर्क में रहता था। बकायदा इन दोनों की संलिप्तता आतंकी गतिविधियों सहित नशा तस्करी के बड़े मामलों में भी मिली। इसलिए इनके खिलाफ पहले दर्ज मामले में यूएपीए की धारा 43-डी (2)(ए) भी लगाई गई थी। जांच के दौरान यह भी सामने आया था कि आरोपी अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर के मुताबिक गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ ढिल्लों उसे नशीले पदार्थों की आय का कुछ हिस्सा जमा करने के निर्देश के साथ क्यूआर कोड और बैंक खाता भेजता था। इसके अलावा वह आतंकी फंड और नशीले पदार्थों की आय को चैनलाइज करने के लिए आरोपी गोल्डी बराड़ द्वारा सुझाए गए बैंक खाते में धनराशि जमा करने के लिए अपने दोस्त के बैंक खाते का इस्तेमाल करवाता था।
एनआईए की जांच में सामने आया कि आरोपी कमलप्रीत सिंह आरोपी अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर के साथ नशीली दवाओं व नशीले पदार्थों से अर्जित आय को चैनलाइज करने का काम करता था। यह दोनों बड़ी रकम को क्यू आर कोड या बैंक खाते के अलावा हवाला के जरिए भी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ तक पहुंचाने का काम करते थे। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों द्वारा जमानत याचिका भी दायर की गई लेकिन एनआईए की जांच टीम द्वारा इन आरोपियों पर लगाई गई यूएपीए एक्ट की धारा 43(डी) 2(ए) के तहत इन्हें जमानत नहीं मिली।
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