गुना हैं या गुनाह! ये रास्ता रजिस्ट्री और आबकारी ऑफिस के लिए जाता है, यहाँ हर दिन धनाढ्य वर्ग का आना जाना लगा रहता है
कमाई इतनी है कि 100 का प्लाट रजिस्ट्री 40 की बताकर की जाती है, 85 करोड़ का राजस्व एक साल में तो एक नंबर में सरकार को ही जाता है…सोचिए कमाई
इसी रास्ते से लोग आबकारी विभाग पहुँचने का सफ़र तय करते हैं, यहाँ का राजस्व सुन आपका सिर चकरा जाएगा
एक साल का ठेका ही 200 करोड़ पार जाता है, वह भी तब जब ज़िला आबकारी अधिकारी को आपने मैदान में कार्यवाही करते नहीं देखा होगा…
इतनी धन सम्पदा वाले लोगों को केवल मैं यह याद दिला रहा हूँ, एकाद हल्की सी टिप भूलकर दो ट्रॉली चूरी डलवा दीजिए
ताकि निकलने में परेशानी न हो
रही बात मेरी तो ना मैं रजिस्ट्री में एक परसेंट दूँगा और ना किसी से बोतल ही मागूँगा
आप समझ जाए तो मुकाम तक पोस्ट पहुँचा दीजिए!
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