गुना में उलझी हत्या की गुत्थी, गिरफ्तार मां ने नहीं कबूला जुर्म, पुलिस का कहना-हत्या के पुख्ता सबूत

गुना (आरएनआई) बेगुनाही साबित करने के लिए आरोपी अलका जैन को अपना नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने की मांग करना चाहिए। अब विशुद्ध न्याय के लिए ऐसा करना जरूरी प्रतीत हो रहा है। इस तरह मीडिया ट्रायल का तब तक कोई महत्व नहीं होता जब तक वो चार्जशीट का हिस्सा न बने। वैसे पुलिस अधिकारियों की किसी से कोई रंजिश या रिश्तेदारी तो है नहीं कि वो इतने संवेदनशील मामले में गलत विवेचना करें और बेटे की हत्या के मामले में निर्दोष मां को फंसा दें। खासकर तब जब पार्टी अप्रोच रखती हो, पढ़ी लिखी शार्प हो। फिर भी अभ्युदय के पिता ने एक वीडियो जारी कर जिस तरह से पुलिस अफसरों पर आरोप लगाए हैं और झूठा फसाने की बात कही है विवेचना की धार में तेजी लाने की जरूरत है ताकि अभ्युदय को न्याय मिल सके। सवाल यह भी उठना लाजिमी हैं कि एक अकेली मां एक हेल्थी ओर हाइट में बराबर बच्चे की बगैर संघर्ष किए कैसे हत्या अकेली कर सकती हैं, कोई तो रहस्य हैं! या किसी ओर का शार्प माइंड सहयोग या किलिंग में सहयोग हो सकता हैं। जिसपर पुलिस ध्यान नहीं दे रही हैं। पुलिस जनचर्चा और समाज के लोगो के बीच व्याप्त चर्चा को अपनी विवेचना में जोड़े। कही हत्या में कोई ओर तो नहीं, इसपर गोर करे?
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