गुना को मिलेगा 'गौ अभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र', केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया भूमिपूजन
सिंधिया ने गौ पूजा कर गऊ माता का लिया आशीर्वाद, कहा "गऊ मां में समस्त देवी देवताओं का वास होता है। राजमाता की परंपरा से लेकर आज तक गौ सेवा में समर्पित : सिंधिया

गुना (आरएनआई) भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने संसदीय क्षेत्र गुना में 44 करोड़ की लागत से बनने जा रहे ‘गौशाला, गौअभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र’ का विधिवत भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख अजीत महापात्र मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
गौ माता की पूजा कर लिया आशीर्वाद
इस दौरान उन्होंने गौ माता की विधिवत पूजा कर भारत की सनातन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित इस ऐतिहासिक पहल को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। इस दौरान उन्होंने गाय को भोजन भी कराया और आरती की। गोवर्धन गौशाला समिति गुना द्वारा बुधवार को जिले के ग्राम पाँज में गोवर्धन गौशाला, गौअभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र का भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम विधिवत संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख अजित महापात्रा मुख्य रूप में उपस्थित रहे, ओर उन्होंने गौ माता के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दू धर्म में गाय को मां का दर्जा दिया गया है. गाय को पूज्यनीय माना जाता है और उसकी सेवा करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। गो सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानते हैं. इसलिए समय की माँग है कि अब गौवंश की हत्या पर कड़ा प्रतिबंध लगे और इनके संवर्धन के लिये उत्साह से ठोस प्रयास करें. शहरी जनता को भी अपनी बुद्धि शुद्ध करनी चाहिये. गौवंश की सेवा हमारी परंपरा तो है ही आज के प्रदूषित वातावरण में स्वस्थ रहने के लिये हमारी आवश्यकता भी है. हम जितना गो माता के निकट रहेंगे उतने ही स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे।
गौ माता में समस्त देवी-देवताओं का वास : श्री सिंधिया
केंद्रीय दूरसंचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “गाय की देह में समस्त देवी-देवताओं का वास होता है। गौ माता केवल एक दूध देने वाला पशु नहीं, बल्कि माता के रूप में पूजनीय हैं। उन्होंने हमें दूध दिया, घी दिया, गोबर, गौमूत्र दिया, और गोबर से यज्ञ आदि जैसे शुभ कार्य संभव हुए। यही भारत है।
यह अमेरिका नहीं भारत है, यहां हम गौ माता की पूजा करते हैं: सिंधिया
सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा कि “यह अमेरिका नहीं, यह यूरोप नहीं, यह कोई और देश नहीं, यह भारत माता का देश है, जहाँ हम गौ माता की पूजा करते हैं। यह हम सभी का दायित्व बनता है।”
सनातन संस्कृति में पंच ‘ग’ का महत्व
केंद्रीय मंत्री ने भारतीय संस्कृति को सर्वोपरि मानते हुए कहा कि “सनातन संस्कृति में पंच 'ग' – गाय, गंगा, गायत्री, गीता और गोविंद – का विशेष महत्व है। गंगा और गीता आत्मशुद्धि के प्रतीक हैं और गौ माता समस्त प्राणियों की माता के रूप में पूजनीय हैं।”
गुना नगर पालिका और गौ अभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र को साथ आने की जरूरत, बायो गैस के प्रयोग से क्षेत्र में हरित विकास संभव हो सकता है: सिंधिया
सिंधिया ने अपने भाषण ने ग्वालियर स्थित गौशाला का उदाहरण दिया जहां ग्वालियर नगर निगम और गौशाला ने साथ मिलकर गौशाला में CNG प्लांट की स्थापना की है जहां से उत्पादन होने वाले गैस का प्रयोग नगर निगम की गाड़ियों में किया जा रहा है। सिंधिया के कहा कि ग्वालियर से प्रेरणा लेकर हमें गुना में भी यही मॉडल स्थापित करना चाहिए जहां नगर पालिका (जो जल्द ही नगर निगम होने वाला) है वह केंद्र के साथ मिलकर क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करें।
राजमाता की परंपरा से लेकर आज तक गौ सेवा में समर्पित सिंधिया परिवार
केंद्रीय मंत्री ने साझा किया कि “1975 में ग्वालियर महल परिसर में राजमाता जी ने एक छोटी सी गौशाला की शुरुआत की थी। यह गौशाला आज भी ग्वालियर जय विलास पैलेस में उपस्थित है और जिसकी देखरेख आज मेरी बेटी कर रही हैं।”
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक अशोक सिंह कुशवाह, गोवर्धन गौशाला समिति अध्यक्ष गिर्राज अग्रवाल एवं गुना विधायक पन्नालाल शाक्य मंचासीन रहे। उक्त कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय अधिकारी एवं जिले के गणमान्य जनों की गरिमा मय उपस्थित में संपन्न हुआ। इसी के साथ ही कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए गौभक्तों और स्थानीय नागरिकों का गौशाला में सहयोग करने पर सभी सदस्यों का मंच से भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया गया। गोवर्धन गौशाला समिति के अध्यक्ष गिर्राज अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया ओर उन्होंने जानकारी दी कि गौशाला का निर्माण समिति की 140 बीघा भूमि पर किया जाएगा। पहले चरण में 5000 गायों के संरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह केंद्र केवल गौसेवा का माध्यम ही नहीं होगा, बल्कि अनुसंधान, प्रशिक्षण और रोजगार का भी केंद्र बनेगा।
इस परियोजना के अंतर्गत अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय, पंचगव्य आधारित औषधि निर्माण, जैविक खेती उत्पाद, गोवंश नस्ल सुधार, वैदिक गुरुकुल, आवासीय प्रशिक्षण केंद्र, बायोगैस संयंत्र, सीएनजी प्लांट एवं 2 मेगावाट सोलर प्लांट की स्थापना की जाएगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि विशेष योजना के अंतर्गत नागरिक अब दूध न देने वाली गाय को गौआश्रय में छोड़ सकेंगे और संस्था से दुधारू गाय प्राप्त कर सकेंगे, जिससे सड़कों पर बेसहारा गौमाताओं की समस्या का स्थायी समाधान होगा। कार्यक्रम का संचालन गौशाला समिति सचिव अशोक शर्मा ने किया एवं आभार महेश अग्रवाल ने माना।
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