गुना के आत्माराम पारदी मामला : सब इंस्पेक्टर रामवीर की जप्त डस्टर के डीएनए सैंपल मैच नहीं हुये
गुना। धरनावदा थाना क्षेत्र के बहुचर्चित आत्माराम पारदी केस के मामले में सीआईडी द्वारा फरार सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह के घर से जप्त कार एमपी 08 सीए 0022 का कुछ सामान डीएनए सैंपल के लिए भेजा गया था। इस कार की पीछे की बैठने वाली लंबी सीट, इस सीट पर बैठने वाले व्यक्ति के पैर के नीचे रखने वाले हरे रंग की मैटी और पैरदान के नीचे की काले रंग की वाहन सुरक्षा मैटी रैगजीन भेजी गई थी। इन तीनों के डीएनए सैंपल आत्माराम पारदी के दो भाई और एक बहन जिसमें सरजूडी बाई पारदी बहन, मर्दन सिंह पारदी और बना साहब पारदी भाई के ब्लड सैंपल से मैच नहीं हुए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, थाना धरनावदा के अपराध क्रमांक 65/ 2017 धारा 365 इजाफा धारा 307, 302, 201, 120-बी 3(2)(5) एससी /एसटी एक्ट के प्रकरण में जप्त सुधा वाहन एमपी 08 सीए 0022 डस्टर कार के डीएनए रिपोर्ट के परीक्षण अभिमत में बताया गया कि कार क्रमांक एमपी 08 CA 0022 के स्त्रोत पीछे बैठने वाली सीट एवं वाहन सुरक्षा मैटी से डीएनए प्रोफाइल प्राप्त होने के कारण बहिन सरजूडी बाई पारदी, भाई मर्दन सिंह पारदी एवं बना साहब पारदी से प्राप्त डीएनए प्रोफाइल से मिलान कर अभी मत दिया जाना संभव नहीं है। यह जांच वैज्ञानिक अधिकारी सहायक रासायनिक परीक्षण मध्यप्रदेश शासन क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला ग्वालियर मध्यप्रदेश के द्वारा दिया गया है।
आत्माराम पारदी मामले में आरोप था कि इसी जप्त डस्टर कार में लहूलुहान आत्माराम पारदी को डाल कर ले जाया गया था। लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट में इस संबंध में कोई अभिमत नहीं दिया गया। यह कार फरार सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह के घर से 14/12/2022 को सीआईडी ग्वालियर द्वारा जप्त की गई थी।
अभी तक घटना का संक्षिप्त विवरण :-
दिनांक 03.03.17 को फरियादी अप्पीबाई पत्नी हरिलाल पारदी 65 साल निवासी कनारी थाना धरनावदा द्वारा अपने लड़के आत्माराम पुत्र स्व. हरिलाल पारदी के लगभग 02 साल पहले गुमने के संबंध में रिपोर्ट की गयी थी। जिस पर से थाना धरनावदा में गुम इंसान क्रमांक 4/17 कायम कर जांच में लिया था। उक्त गुमइंसान से ही संबंधित फरियादी अप्पी बाई की बहु आवेदिका मर्जीना पनि आत्माराम निवासी कनारी द्वारा उसके पति आत्माराम के पता न चलने के संबंध में कलेक्टर महोदय गुना को दिनांक 12.04.16 को आवेदन पत्र दिया गया था, जो पुलिस अधीक्षक जिला गुना की ओर से पत्र क्रमांक पु० अ० गुना स्टेनोट करो 4330/16 दिनांक 06.03.17 द्वारा एसडीओपी राघौगढ़ को जांच हेतु सोपा गया था। जिसकी जांच के दौरान एसडीओपी राघौगढ़ द्वारा जांच के संबंध में 06 कथन लिये गये तथा अन्य कागजात शामिल जांच किये जाकर विस्तृत जांच प्रतिवेदन क्रमांक/ एसडीओपी / राघौगढ / रीडर/ 6ए/17 दिनांक 05.04. 17 के माध्यम से सलग्न प्रपत्र (20) के पुलिस अधीक्षक जिला गुना की ओर प्रेषित किया गया था।
जिसके क्रम में दिनांक 06.04.17 उक्त जांच प्रतिवेदन के मूलत भेजा जाकर जांच रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध धारा 365 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना हेतु आदेशित किया गया है। उक्त गुमइन्सान क्रमांक 4/17 जिसकी प्रारम्भिक जांच सउनि शाकिर अली द्वारा तथा बाद में बलबीर सिंह द्वारा की गयी। जांच के दौरान फरियादी 1. अप्पी बाई पनि स्व हरिलाल पारदी, 2. अम्बूडीबाई पनि स्व. हटेसिंह, 3. सुलोचना पनि मन्ना पारदी, 4. सरजूड़ी बाई पनि वीर सिंह पारदी, 5. वीर सिंह पुत्र मान सिंह पारदी एवं 6. शटल बाई पनि स्व सुनील पारदी निगण खेजरा चक के कथन लिये गये।
संपूर्ण गुम इंशान क्रमाक 4/17 की जाँच तथा तत्संबंध में ही एसडीओपी राघोगढ़ द्वारा की गयी शिकायत की जाच आदि से तथा पुलिस अधीक्षक के उपरोक्तानुसार आदेश के क्रम में अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध धारा 365 अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया कर विवेचना में लिया। कायमी गुमइसान क्रमांक 4/17 कि फरियादिया अप्पी बाई पनि स्व हरिलाल पारदी उम्र 65 साल निवासी वडी कनारी चौकी झागर थाना धरनावदा जिला गुना मध्य प्रदेश ने अपनी लड़की सरजूडी बाई पारदी एवं समधन अम्बूडी बाई पारदी के साथ थाना में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जिसमें लिखा गया कि ग्राम खेजरा चक में मैं रहती हूँ, मेरा लड़का आत्माराम पारदी उम्र 25 साल निवासी खेजरा का करीब 2 वर्ष पूर्व मई के महीने में अपने लड़के को आत्माराम के साथ अपनी समधन मिश्रीबाई के फूल डालने खारी सिराने पार गांव के पास पार्वती नदी में गये थे। तभी वहां पुलिस आ गई थी पुलिस को देखकर मेरा लड़का पता नहीं कहां चला गया है। जिसका आज तक कोई पता नहीं है। मैने पहले भी थाने में शिकायतें की थी व कोर्ट में भी आवेदन दिया है।
What's Your Reaction?