गुना का ब्लैक स्पॉट: नानाखेड़ी पुल पर हादसों का सिलसिला जारी, प्रशासन की लापरवाही बनी मौत की वजह
गुना (आरएनआई) आज रात भी एक ट्रक नानाखेड़ी स्थित पुल पर ठीक उसी जगह खड़ा है जहां 11 सितंबर 2024 को खड़े एक ट्रक में कार के टकरा जाने से एक युवा अमन जाट की दर्दनाक मौत हुई थी। इस पुल पर रात में पार्क किए जाने वाले ट्रक, सड़क पर कम रोशनी होने से आसानी से दिखाई नहीं देते। यह ब्लैक स्पॉट है। यहां पुल की चौड़ाई सड़क की चौड़ाई से कम है। यदि गायत्री मंदिर से नानाखेड़ी की ओर आने वाले वाहन चालक जरा भी लापरवाह हुए और पुल को भी सड़क के बराबर चौड़ा होना मानकर सीधे ही चले आए तो यहां पार्क किए जाने वाले ट्रक में उनका वाहन भिड़ना तय है।
ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन को आपकी जान की कोई कीमत नहीं है। यदि होती तो लापरवाही की एक घटना से ही सबक लेकर स्थाई सुधार कर दिया होता। लेकिन नानाखेड़ी से गायत्री मंदिर तक पिछले तीन सालों में अनेकों मौतें और कई हादसे होने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। जब अप्रैल 2024 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीकी रहे आनंद मगराना और एक अन्य की मौत हुई थी तब उम्मीद जगी थी कि अब शायद इस रोड पर बने मौत के यूटर्न, अतिक्रमण, ब्लैक स्पॉट का स्थाई हल निकाला जाएगा। लेकिन सुधार की उम्मीद वक्त के साथ धूमिल हो गई। यहां स्थिति बद से बदतर है।
गुना में पक्ष विपक्ष के नेता अपनी राजनीति में मस्त हैं। हादसों में होने वाली मौत पर संवेदना व्यक्त करना उनके लिए राजनैतिक कार्यक्रम है। हादसों के कारणों का जड़ से उन्मूलन करने में यदि उनकी कोई भूमिका नहीं तो फिर ये संवेदनशीलता दिखावटी है। इसी तरह अफसर कागजों पर चहुंओर सुशासन बता कर सरकार को खुश करने में और अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त हैं। निकम्मे और भ्रष्ट अफसरों ने बड़ी ही चतुराई से सत्ता और संगठन के की पर्सन्स को अपना खैरख्वाह और संरक्षक बना ही लिया है।
ऐसे में जनता के प्राण भगवान के भरोसे हैं।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?