खेल के नाम पर छात्रों से नही होगी अब अलग अलग अवैध वसूली

क्राइस्ट स्कूल द्वारा लिए जा रहे अभिभावकों के लाखों रुपए बच गए

Apr 10, 2023 - 14:39
Apr 10, 2023 - 14:41
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खेल के नाम पर छात्रों से नही होगी अब अलग अलग अवैध वसूली
खेल के नाम पर छात्रों से नही होगी अब अलग अलग अवैध वसूली
खेल के नाम पर छात्रों से नही होगी अब अलग अलग अवैध वसूली
खेल के नाम पर छात्रों से नही होगी अब अलग अलग अवैध वसूली

गुना। अपनी ऊंची पहुंच पकड़ और स्वेच्छाचारिता के लिए चर्चित क्राइस्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गुना की मनमानी और घमंड पर दूसरी बार लगाम कसी गई है। खेल गतिविधियों के नाम पर कक्षा 1 से लेकर 10वीं तक के स्टूडेंट्स से 2 - 2 हजार रुपए की वसूली अब नही होगी। जिन स्टूडेंट्स से ये राशि ली जा चुकी थी, वह राशि भी वापस की जाएगी।

क्राइस्ट स्कूल प्रबंधन नर्सरी से लेकर कक्षा 10वीं तक के हर स्टूडेंट से 2 - 2 हजार रुपए वसूल रहा था। इस स्कूल में तकरीबन साढ़े तीन हजार स्टूडेंट्स हैं। इस हिसाब से 70 लाख रुपए की अवैध वसूली इस बार भी की जाना थी। यह पैसे विशेष गतिविधि चलाने की आड़ में की जा रही थी। इन गतिविधियों में बास्केटबाल, फुलबाल, क्रिकेट, जूडो, संगीत, स्केटिंग, कराटे, कबड्डी, शास्त्रीय नृत्य, खो-खो और पश्चिमी नृत्य शामिल है। इसके लिए पेरेंट्स को एक फॉर्म भरना होता था। 

वसूली का ये सारा खेल स्वैच्छिक निर्णय बताकर खेला जा रहा था। लेकिन पेरेंट्स से फॉर्म तभी लिया जाता था जब विशेष गतिविधियों वाला फॉर्म भी वो साथ में भरकर लाए। पिछले साल से ये वसूली शुरू हुई थी। पिछले साल जिन बच्चों ने 2 हजार रुपए जमा कराए उन्हें सप्ताह में दो दिन स्कूल टाइम के स्पोर्ट पीरेड में ही 40 मिनिट खेलने की छूट दी गई। इस दौरान उन बच्चों को क्लास में ही रोके रखा जिनके पेरेंट्स ने 2 हजार रुपए जमा नहीं कराए। इसका उन बच्चों की मनोदशा पर बुरा प्रभाव पड़ता था और वो घर आकर अपने पेरेंट्स से 2 हजार रुपए जमा करने की जिद करते थे ताकि वो भी उन दो दिनों की अघोषित कैद में न रहें। 

हालांकि पिछले शिक्षा सत्र में 2 हजार रुपए देने वाले स्टूडेंट को भी कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला कारण कि जिन 11 गतिविधियों के नाम पर ये वसूली की जा रही थी उनके विशेषज्ञ स्कूल में नही हैं। साथ ही एक्स्ट्रा फीस लेने के बावजूद सप्ताह में सिर्फ दो ही दिन स्कूल टाइम के एक एक पीरेड में स्कूल ड्रेस पहने बच्चों को खेलने ले जाया जाता था।

इस मनमानी पर पेरेंट्स का स्कूल प्रबंधन से कहना था कि जब आप स्कूल की एन्युअल फीस ले रहे हैं जिसमे पहले ही खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों का चार्ज शामिल है, तो फिर एक्स्ट्रा फीस क्यों! यदि आप बच्चों को स्कूल टाइम के बाद एक्स्ट्रा टाइम में कोचिंग देने की सुविधा दें तब तो एक्स्ट्रा फीस ली जाए, लेकिन किसी को बाध्य न किया जाए। वैसे भी सप्ताह के दो दिन 40 मिनिट की अवधि में स्कूल ड्रेस पहने बच्चे कौन सा खेल या डांस, कम्फर्ट होकर सीख पाएंगे। 

पेरेंट्स की इस समस्या को जिला पंचायत उपाध्यक्ष तथा जिला शिक्षा समिति की अध्यक्ष श्रीमती सारिका लुंबा और भाजपा नेता श्री क्षितिज लुंबा Kshitij Lumba ने भी संवेदनशीलता से लिया। फिर मुझे तथा पेरेंट्स श्री अंकित जैन, श्री राहुल तायल आदि को साथ लेकर 5 अप्रैल को इस समस्या पर कलेक्टर श्री फ्रैंक नोबेल ए से मिल कर विस्तृत चर्चा की तथा उन्हें कार्यवाही हेतु पत्र सौंपा। कलेक्टर ने विषय को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही का आश्वासन दिया था। 

कलेक्टर के निर्देश पर अगले ही दिन जिला शिक्षा अधिकारी ने क्राइस्ट स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजकर स्कूल द्वारा की जा रही मनमानी पर लौटती डाक से जबाव तलब किया था। इस कार्यवाही का असर दिखा। आज 10 अप्रैल को क्राइस्ट स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को नोटिस जारी कर 2 हजार रुपए वापस ले जाने की सूचना जारी की है।

प्रिंसिपल द्वारा पेरेंट्स को जारी सूचना में लिखा है कि "जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पिछले शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में हमने स्कूल में विशेष गतिविधियों की शुरुआत की। विशेष गतिविधियों को शुरू करने का उद्देश्य बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ शैक्षणिक विकास और उनके कौशल का विकास करना था। बच्चे अपनी पसंद और रुचि के अनुसार विशेष गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। स्कूल ने 11 गतिविधियों की शुरुआत की और बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष रूप से योग्य प्रशिक्षकों को नियुक्त किया गया। कई बच्चों ने विभिन्न प्रशिक्षणों में उत्साहपूर्वक भाग लिया। जैसा कि आप जानते हैं कि यह बहुत अधिक वैकल्पिक था।

जैसा कि कुछ माता-पिता स्कूल में विशेष गतिविधियों में रुचि नहीं रखते हैं, स्कूल प्रशासन इस शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में विशेष गतिविधियों को बंद कर रहा है। जिन लोगों ने इस शैक्षणिक वर्ष (2023-24) में विशेष गतिविधि शुल्क का भुगतान पहले ही कर दिया है, उनसे अनुरोध है कि वे 17 अप्रैल, 2023 के बाद स्कूल के समय के दौरान स्कूल कार्यालय से विशेष गतिविधि शुल्क वापस ले लें।

अपनी आदत के मुताबिक क्राइस्ट स्कूल ने इस पत्र की भाषा इस तरह लिखी है जैसे पेरेंट्स पर कोई एहसान किया हो। स्कूल ने पिछले साल जो लाखों रुपए की वसूली की, उसका क्या उपयोग किया इसका कोई लेखा जोखा सामने नहीं रखा। साथ ही स्कूल टाइम में विशेष गतिविधियाँ चलाकर कितनी खेल, नृत्य, संगीत प्रतिभाएं इन 11 गतिविधियों में तैयार कीं और उन प्रतिभाओं ने क्या उपलब्धि हासिल की, इसका भी कोई विवरण सामने नहीं रखा। 

कई पेरेंट्स 2 हजार नहीं बल्कि इससे ज्यादा पैसे भी देने तैयार हो जाएं, लेकिन उसके बदले में स्कूल प्रबंधन अतिरिक्त कक्षाएं तो संचालित करे। उन कक्षाओं में विषय विशेषज्ञ लोग प्रशिक्षण दें। लेकिन स्कूल टाइम में ही लोगों को भ्रम में रखकर वसूली करना क्राइस्ट स्कूल प्रबंधन की नियत पर सवाल खड़े कर रहा था। साफ जाहिर था कि प्रबंधन का ध्यान स्टूडेंट्स में स्किल डेवलपमेंट के स्थान पर पैसे वसूलने पर है।

खैर, भारत माता की जय बोलना शुरू करवाने के बाद अब 2 हजार रूपए की वसूली बंद कराना इस बात को साबित करता है कि सुधार के लिए प्रयत्न, ईमानदारी से और सही दिशा में पूरी शिद्दत के साथ किए जाएं तो सकारात्मक परिणाम सामने आता है। सकारात्मक प्रयत्न करने वाले साथियों को सैल्यूट और आप सभी को इस उपलब्धि की बधाई।

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