खदान हादसे में पति की मौत: पत्नी ने कहा- 'अब पूरी तरह से असहाय महसूस कर रही हूं'
आठ जनवरी को पहला शव बरामद किया गया था। इसके बाद 11 जनवरी को लिजेन मागर, खुशी मोहन राय और सरत गोयारी का शव निकाला गया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी।
गुवाहटी (आरएनआई) असम के दिमा हसाओ में खदान हादसे ने पीड़ितों के परिजनों को निराशा की स्थिति में छोड़ दिया है। 27 वर्षीय लिजेन मागर की पत्नी जुनू प्रधान अपने पति की निधन की खबर से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है। लिजेन अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाला था। वह अपने पीछे एक दे महीने के बच्चे को भी छोड़ गया। जुनू फिलहाल अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित है। बता दें कि छह जनवरी को खदान में पानी घुसने के कारण वहां कई मजदूर फंस गए थे। इन मजदूरों में लिजेन भी शामिल थे। आठ जनवरी को गंगा बहादुर श्रेठ के तौर पर एक मृतक की पहचान की गई थी। 11 जनवरी को लिजेन की शव की पहचान की गई।
मीडिया से बात करते हुए लिजेन की पत्नी जुनू ने कहा, "वह हमारे परिवार में अकेले कमाने वाले थे। मेरा एक दो महीने का बच्चा है। मुझे नहीं मालूम कि हमारा भविष्य क्या होगा। मैं अब पूरी तरह से असहाय हो चुकी हूं।" उन्होंने आगे कहा, उस दिन (छह जनवरी) खदान पर काम करने का पहला दिन था। अन्य लोगों के साथ मेरे पति भी गए थे। मुझे नहीं मालूम कि अब हम कैसे रहेंगे। मैं अपने बच्चे का पालन पोषण कैसे करूंगी। जुनू ने बताया कि दो साल पहले ही उनकी शादी हुई थी।
खदान में फंसे अन्य पांच मजदूरों को निकालने के लिए जांच अभियान जारी है। एनडीआरएफ इंस्पेक्टर रोशन कुमार नाथ ने कहा, "संयुक्त अभियान चलाने के बाद से अभि तक चार शव बरामद हो चुके हैं। पानी निकालने की प्रक्रिया जारी है और पानी का स्तर भी कम हो रहा है। यहां कोल इंडिया के पंप लगाए गए हैं। पानी निकालने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही बाकी लोगों को बचाने की कोशिश करेंगे।
आठ जनवरी को पहला शव बरामद किया गया था। इसके बाद 11 जनवरी को लिजेन मागर, खुशी मोहन राय और सरत गोयारी का शव निकाला गया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी और मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की। उन्होंने पीएम सोदी से कहा, "मैं आपको छह जनवरी को हुई दुखद घटना के संबंध में गहरी चिंता और भारी मन से लिख रही हूं। अभी तक बचाव अभियान अपने पांचवें दिन में पहुंच चुका है, लेकिन खदान में फंसे लोगों का भाग्य अनिश्चित बना हुआ है।" इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा ने घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज करने और इस संबंध में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की घोषणा की थी।
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