आशा किरण होम: क्षमता 400 की, रहते 900 से ज्यादा, कोई TB तो कोई मिरगी से ग्रस्त; 14 मौतों के बाद कई खुलासे

यहां हर एक दो माह में कुछ न कुछ घटनाएं होती रहती हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आशा किरण होम की क्षमता 400 लोगों के लिए हैं, लेकिन यहां पर 900 से अधिक लोगों को रखा गया है। एक-एक कमरे में 30-30 से अधिक लोगों का रखा गया है।

Aug 3, 2024 - 11:00
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आशा किरण होम: क्षमता 400 की, रहते 900 से ज्यादा, कोई TB तो कोई मिरगी से ग्रस्त; 14 मौतों के बाद कई खुलासे

नई दिल्ली (आरएनआई) रोहिणी स्थिति आशा किरण मंदबुद्धि विकास केंद्र में बीते एक माह में 14 लोगों की मौत हो गई। इनका बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल में इलाज चल रहा था। इनको न्यूरो से जुड़ी बीमारियों के साथ टीबी, मिरगी, हेपटाइटिस बी व दूसरे गंभीर रोग थे। महीने भर के भीतर इतनी मौतें की सूचना मिलने पर अफरातफरी मच गई। आनन-फानन दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। मजिस्ट्रेट को अपनी रिपोर्ट 48 घंटे में देनी है। वहीं, उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को सात दिन में विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। साथ ही एलजी ने तीन सप्ताह में सभी विभागों से श्वेत पत्र तैयार करने का कहा है। उधर, अधिकारियों का कहना है कि उपचार के दौरान 14 लोगों की मौत अलग-अलग दिनों में हुई है। इसकी असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही सामने आ सकेगी।

इससे पहले शुक्रवार को एसडीएम रोहिणी मनीष चंद्र वर्मा ने आशा किरण होम का निरीक्षण किया। अभी भी वहां चार से पांच लोग बीमार मिले है। इस पर एसडीएम ने आशा किरण होम में जल आपूर्ति की जांच के लिए जल बोर्ड और भोजन की जांच के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को कहा है। अधिकारी बताते हैं कि आशा किरण होम दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है। ऐसे में समाज कल्याण विभाग से जांच रिपोर्ट तलब की गई है। विभाग से पूछा गया है कि इतनी अधिक संख्या में हुई मौतों का क्या कारण हो सकता है।

उत्तर पश्चिम जिले के एक अधिकारी ने बताया कि समाज कल्याण विभाग आंतरिक जांच कर रहा है। उसको यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट उत्तर पश्चिम जिला प्रशासन सौंपनी है। मृतकों में एक किशाेर था, जबकि 13 वयस्क थे। इसमें से अधिकतर युवतियां हैं। इनकी उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है। इन सभी की मौतें 15 से 28 जुलाई के बीच हुई है।

दिल्ली सरकार की राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि एक महीने के अंदर इतनी बड़ी संख्या में मौत का मामला बेहद गंभीर है। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, चाहे वह डॉक्टर, प्रशासक, नर्स हो या फिर समाज कल्याण विभाग का अधिकारी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और न्यायिक जांच रिपोर्ट आने के बाद मौत की असल वजह साफ होगी। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि, यदि इनमें से कोई भी मौत लापरवाही या गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से हुई है तो किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार का समाज कल्याण विभाग मानसिक रूप से अस्वस्थ बच्चों के लिए रोहिणी में एक आशा किरण होम चलाता है। इसमें बच्चों समेत 980 लोग रहते हैं। ये अलग-अलग श्रेणी में मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। कई ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें मानसिक विक्षिप्तता के अलावा अन्य बीमारियां भी हैं। वह बेड पर रहते हैं और उन्हें 100 फीसदी देखरेख की जरूरत पड़ती है। इसके लिए 24 घंटे डॉक्टर्स और नर्स की टीम तैनात रहती है।

समाज कल्याण विभाग की तरफ से चलने वाले रोहिणी स्थिति आशा किरण होम में मंदबुद्धि या फिर पहले से गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को रखा जाता है। इसमें बच्चे भी शामिल हैं। यहां रखे लोग अनाथ होते हैं। उनकी मानसिक हालत और रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। यह पहले भी पहले से ही चर्चा में रहा है। यहां हर एक दो माह में कुछ न कुछ घटनाएं होती रहती हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आशा किरण होम की क्षमता 400 लोगों के लिए हैं, लेकिन यहां पर 900 से अधिक लोगों को रखा गया है। एक-एक कमरे में 30-30 से अधिक लोगों का रखा गया है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि संभावना बीते माह हुई भीषण गर्मी, दूषित पेय जल और फिर खराब भोजन के कारण लोग बीमार हुए हो। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर स्थिति स्पष्ट होगी। क्षमता से अधिक लोगों के रहने के मामले में दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि यह सही है कि वहां क्षमता से अधिक लोग रह रहे है। लेकिन उनकी देखभाल के लिए वहां 6 डॉक्टर, 17 नर्स और 450 हाउस आंट देखभाल के लिए तीन शिफ्ट में काम करती हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शमा ने शुक्रवार को आशा किरण होम का दौरा किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे आश्रय स्थल निर्दोष लोगों के लिए मौत का जाल बन गए हैं। यहां क्षमता से अधिक लोग बिना उचित भोजन, पानी और दवा के रह रहे हैं। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को इसके लिए जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।

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