क्वार्टर फाइनल में पहुंचे रोइंग खिलाड़ी बलराज पंवार
बलराज नौकायन प्रतियोगिता में शनिवार को चौथे स्थान पर रहे थे। बलराज ने क्वार्टर फाइनल मैच के लिए क्वालीफाई करने के अंतिम मौके में दूसरा स्थान प्राप्त कर क्वार्टर फाइलन में एंट्री कर ली है।
करनाल (आरएनआई) हरियाणा के कर्ण नगरी करनाल के कैमला गांव का बलराज पंवार ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल मैच में पहुंच गए हैं। रोइंग प्रतियोगिता में बलराज ने रिक चेंज मुकाबले में क्वालिफाई किया है। शनिवार को पेरिस में आयोजित छह देशों की रोइंग प्रतियोगिता में बलराज चौथे स्थान पर रहे। उसके बाद बलराज के पास आगे के लिए क्वालीफाई करने का अंतिम मौका था। बलराज रेपचेज राउंड में दूसरे स्थान पर रहकर क्वालीफाई किया है। बलराज भारतीय सेना के जवान हैं।
पेरिस 2024 में भारत के एकमात्र रोवर बलराज पंवार ने रविवार को पुरुष एकल स्कल्स क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रहे। 25 वर्षीय आर्मी मैन ने रेपचेज में 7:12.41 का समय लेकर मोनाको के क्वेंटिन एंटोगनेली के बाद दूसरे स्थान पर रहे।
पंवार का अगला मुकाबला मंगलवार 30 जुलाई को दोपहर 1:40 बजे होगा। उनके पास किसी भी ओलंपिक रोइंग स्पर्धा में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज करने का मौका होगा। पिछले साल पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हांगझू में एशियाई खेलों में पंवार फाइनल ए में चौथे स्थान पर रहे थे।
शनिवार को भारतीय समय अनुसार साढ़े 12 बजे जैसे ही बलराज का मैच शुरू हुआ। उस दौरान उनके घर में मैच देखने व बधाई देने वालों का तांता लग गया। शुरुआत में बलराज तेज गति दिखाते हुए तीसरे पायदान पर अपने आप को बरकरार रखा। पहले 500 मीटर का चेक प्वाइंट पर बलराज ने एक मिनट 43 सेकेंड व 53 मिली सेकेंड पर पूरा किया।
शनिवार को हुए मुकाबले में 1000 मीटर के निशान तक बलराज व अलबंना के खिलाड़ी एक दूसरे के करीब थे। जबकि इस दौरान मेगिंटोस ने बढ़त बनाकर रखी। हालांकि बलराज ने अंतिम 100 मीटर में भी मिस्त्र के खिलाड़ी पर दवाब बनाए रखा।
बलराज की मां कमला ने शनिवार को कहा था कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि उनका बेटा ओलंपिक के फाइनल मैच के लिए क्वालीफाई करेगा और देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर लाएगा। अब बलराज क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुके हैं।
बलराज की पत्नी सोनिया का कहना है कि बलराज ने कड़ी मेहनत करके मुकाम तक पहुंचा है। वे ओलंपिक का कोटा हासिल करने के लिए तीन साल से मेहनत कर रहे थे।
बलराज के भाई संदीप का कहना है कि उनके भाई बचपन से ही खेलों में रुचि रखते हैं तथा अपने लक्ष्य को पाने के लिए अथक प्रयास भी करते हैं। उसी की बदौलत उन्होंने ओलंपिक तक का सफर तय किया है।
बहन मनीषा ने शनिवार को कहा था कि उनका भाई रेपचेज राउंड में अच्छा प्रदर्शन कर अवश्य क्वार्टर फाइनल में जगह बना लेगा। साथ ही कहा था कि भरोसा है कि वह स्वर्ण पदक जीतकर देश व जिले का नाम रोशन करेगा। अब बलराज क्वार्टर में पहुंच चुके हैं।
बलराज ने बताया कि वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए रोजाना 30 किलोमीटर रोइंग का अभ्यास करते हैं। उससे पहले वह शरीर को वॉर्म अप करने के लिए जिम करते हैं। उसके बाद वह रेस लगाते हैं और फिर अन्य खिलाड़ी के साथ अभ्यास करते हैं।
बलराज के ओलंपिक मैच से पहले प्रदेश मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उनके घर पर बधाई पत्र भेजकर शुभकामनाएं भेजी। मध्यम परिवार से संबंध रखने वाला बलराज भारतीय सेना में जवान है। उसने यह मुकाम भी अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर पाया है।
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