क्या 6 लाख की पुरानी गाड़ी 1 लाख में बेचने पर 90 हजार देना होगा जीएसटी
यूज्ड इलेक्ट्रिक वाहनों की रीसेल पर 18 फीसदी टैक्स लगाने के जीएसटी काउंसिल के हालिया फैसले के बाद लोगों में भ्रम पैदा हो गया है। ये भ्रम सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार आम लोगों के बीच बढ़ रहा है।
नई दिल्ली (आरएनआई) पुरानी ईवी गाड़ियों पर सरकार ने 18 फीसदी का जीएसटी लगा दिया है। इस फैसले के बाद से एक पोस्ट सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रही है कि अगर आपने कोई गाड़ी 6 लाख में खरीदी और बाद में इसे 1 लाख रुपए में बेच दी। ऐसे में बीच के 5 लाख मार्जिन पर आपको 18% का जीएसटी देना होगा। मतबल 5 लाख 18% .. यानी 90,000 रुपए का टैक्स। इस वायरल पोस्ट के बाद लोगो के बीच कन्फ्यूजन बढ़ गया है।
दरअसल यूज्ड इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की रीसेल पर 18 फीसदी टैक्स लगाने के जीएसटी काउंसिल के हालिया फैसले ने काफी भ्रम पैदा किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कारों की रीसेल के “मार्जिन वैल्यू” पर टैक्स लगााया जाएगा। लेकिन गलती से यह समझा गया कि अपनी यूज्ड कार को बेचने वाले लोगों को टैक्स देना होगा। जबकि ऐसा नहीं है। टैक्स वास्तव में यूज्ड कारों के रीसेल में शामिल बिजनेस वेंचर को देना होगा, पर्सनल सेलर को नहीं।
शनिवार को 55वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, पैनल ने बिजनेस वेंचर द्वारा बेची गई यूज्ड ईवी पर 12 फीसदी की जगह 18 फीसदी जीएसटी को मंजूरी दे दी। निर्मला सीतारमण ने इसे उदाहरण से समझाते हुए कहा था कि यदि एक कार 12 लाख रुपये में खरीदी गई और उसे पुरानी कार के रूप में 9 लाख रुपए में बेची गई, तो कीमत के अंतर पर टैक्स लगाया जाएगा। जिसकी वजह से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। इससे लोगों को लगा कि अगर वह कार बेचेंगे तो उनपर टैक्स लगाया जाएगा। जबकि उन्होंने अपनी कार को घाटे में बेचा है। इसी बात को कुछ मीडिया रिपोर्ट में वीडियो के जरिए से समझाया गया। जिसकी वजह से आम लोगों के बीच ये भ्रम और भी ज्यादा बढ़ गया।
वास्तव में काउंसिल ने रीसेल कारों का बिजनेस करने वाले वेंचर्स पर इस तरह का टैक्स लगाने की बात कही है। पहले यूज्ड ईवी की रीसेल पर 12 फीसदी का जीएसटी लगाया जाता था, जिसे बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। ये जीएसटी भी सिर्फ प्रॉफिट मार्जिन पर देना होगा। इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते है। यदि कोई डीलर यूज्ड ईवी कार 9 लाख रुपए में खरीदता है और उसे 10 लाख रुपए में दोबारा बेचता है, तो जीएसटी केवल 1 लाख रुपए के प्रॉफिट पर लगाया जाएगा। वहीं कोई दो व्यक्ति आपस में कोई ऐसा ट्रांजेक्शन करते हैं तो उस पर टैक्स में छूट रहेगी।
इसी बात को और आसान भाषा में समझाने के लिए टीवी9 डिजिटल ने जीएसटी एक्सपर्ट अभिषेक रस्तोगी से बातचीत की। रस्तोगी ने इसे नीचे दिए गए उदाहरणों से समझाया कि आखिर क्या है मामला।
इंडिविजुअल पर कोई जीएसटी नहीं: यदि आप 18 लाख रुपए में कार खरीदते हैं और इसे किसी किसी दोस्त या रिश्तेदार या फिर जानकार को 13 लाख रुपए में बेचते हैं, तो कोई जीएसटी नहीं लगाया जाएगा।
बिजनेस वेंचर पर जीएसटी: यदि कोई डीलर 13 लाख रुपए में कार खरीदता है और उसे 17 लाख रुपये में बेचता है, तो 18 फीसदी जीएसटी केवल 4 लाख रुपए के प्रॉफिट मार्जिन पर लगेगा। इसका मतलब ये हुआ है कि अब पुरानी गाड़ी खरीदते समय फिर चाहे वो पेट्रोल, डीजल हो या फिर ईवी 18 फीसदी टैक्स प्रॉफिट मार्जिन पर देना होगा।
इस फैसले से सेकेंड-हैंड ईवी मार्केट की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। उसका कारण भी है। डीलर मार्जिन पर टैक्स लगने से खरीदारों के लिए गाड़ियों की कीमतें बढ़ जाएंगी। जबकि नए ईवी को खरीदने पर सिर्फ 5 फीसदी ही जीएसटी का भुगतान करना होगा। रीसेल ईवी के लिए टैक्सेशन में बदलाव ईवी को बढ़ावा देने में और ज्यादा चुनौतियां खड़ी कर सकता है।
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